Parenting Advice: नए माता-पिता के लिए नवजात शिशु की देखरेख करना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है, वहीं खुद की नींद पूरी करना सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है. बच्चा रात में बीच-बीच में कई बार उठ जाता है. उसकी नींद उचट जाती है तो पैरेंटस की नींद रोना सुनकर खुल जाती है और बच्चे को चुप कराने और फिर से सुलाने में कब रात निकल जाती है पता नहीं चलता. ऐसे में बच्चे और पैरेंट्स दोनों को ही रात में नींद लेने में परेशानी होती है. वहीं, बड़े बच्चे भी अक्सर चैन से सोने में परेशानी महसूस करते हैं और बीच-बीच में जाग जाते हैं. अगर आप भी बच्चे की नींद (Sleep) बार-बार टूटने की दिक्कत को दूर करना चाहते हैं तो बच्चों के डॉक्टर यानी पीडियाट्रिशियन डॉ. रवि मलिक की बताई सलाह आपके काम आएगी. डॉक्टर रवि उन आम गलतियों (Parenting Mistakes) का जिक्र कर रहे हैं जिनकी वजह से बच्चे की नींद रात के समय बार-बार खुल जाती है. ऐसे में पैरेंट्स अगर कुछ छोटी-मोटी बातों का ख्याल रखें तो बच्चे को रात में चैन की नींद लेने में मदद मिलेगी.
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बच्चे की नींद रात में क्यों खुल जाती है | Why Does Baby Wake Up At Night
- डॉ. रवि गुप्ता का कहना है अगर बच्चा रात के समय बार-बार उठता है तो ऐसी कुछ चीजें हैं जो हमें बिल्कुल नहीं करनी चाहिए.
- सबसे पहले तो यह देखना चाहिए कि बच्चा जिस कमरे में सो रहा है वहां पर लाइट बहुत कम होनी चाहिए.
- बच्चे के सोने वाले कमरे का तापमान थर्मो न्यूट्रल टाइप का और कंफर्टेबल होना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि कमरा ना तो ज्यादा ठंडा हो और ना ही ज्यादा गर्म.
- डॉक्टर का कहना है कि जो बच्चे दिन में बाहर खेलते हैं या आउटडोर एक्टिविटी करते हैं तो उससे थक जाते हैं और उसके बाद चैन से सोते हैं.
- ध्यान रखें कि बड़ा बच्चा किसी तरह की कैफीन वाली ड्रिंक ना लें.
- सोने से पहले अगर बच्चों को डिजीटल स्क्रीन दिखाते हैं तो इससे भी बच्चे की नींद (Child's Sleep) डिस्टर्ब होती है. इसीलिए सोने से पहले बच्चों को मोबाइल, लैपटॉप या टीवी से दूर रखें.
- बच्चे का सोने और जागने का समय रोजाना एक जैसा होना चाहिए. इससे बच्चे को रात में समय से नींद आएगी और उसकी नींद भी नहीं टूटेगी.
- अगर बच्चे को कमरे में अच्छा तापमान मिले, बच्चा थका हुआ हो और रात में सोने से पहले वो स्क्रीन नहीं देखता है तो बच्चे अच्छे से सो पाते हैं.
- छोटे बच्चों की नींद पूरी ना हो तो वे रोने लगते हैं. दिनभर वे सोने लगते हैं और रात के समय जागना शुरू कर दते हैं.
- बच्चों की अगर नींद पूरा ना हो तो बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं. बच्चे ओवर इमोशनल भी फील करने लगते हैं.
- स्कूल जाने वाले बच्चों की नींद अगर रात में अक्सर टूटती है तो उन्हें सुबह समय से उठने में दिक्कत होती है.
- बच्चा पढ़ाई में या किसी भी काम में ध्यान नहीं लगा पाता है. अगर क्लास में पढ़ाया जा रहा हो तो बच्चा स्पेस आउट हो जाता है.
- स्कूल से आने के बाद बच्चे खेल या पढ़ाई करने के बजाय सोने की जिद करते हैं जिस डे-टू-डे एक्टिविटीज पर असर पड़ता है.