Parenting Tips: जब घर में छोटा बच्चा हो, तो उसकी हर छोटी-छोटी बात पर माता-पिता की नजर रहती है. बच्चे ने कितनी बार दूध पिया, कितनी देर खेला, कितनी देर सोया, पैरेंट्स हर बात नोट करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी अपने बच्चे की स्लिपिंग पोजीशन पर गौर किया है? कई बार नींद में बच्चा ऐसी पोजीशन में सो जाता है, जो उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है. ऐसे में आइए बच्चों के डॉक्टर से जानते हैं बच्चे की लिए सोने की सबसे अच्छी पोजीशन कौन सी है और किस पोजीशन में बच्चे को नहीं सुलाना चाहिए.
Vitamin B12, Vitamin D, Vitamin E, Vitamin C...डॉक्टर ने बताया कौन सा विटामिन किस समय लेना चाहिए?
बच्चे को कैसे सुलाना सबसे अच्छा है?
इसे लेकर पीडियाट्रिशियन रवि मलिक ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में वे बताते हैं, बच्चों को हमेशा पीठ के बल (Back Sleeping Position) सुलाना चाहिए. यह पोजीशन सबसे सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इसमें बच्चे की सांस लेने की प्रक्रिया आसान रहती है.
- बच्चे को हमेशा ऐसे मैट्रेस पर सुलाएं, जो न तो बहुत अधिक मुलायम हो और न ही बहुत सख्त.
- बच्चे को तकिया बिल्कुल न लगाएं. नवजात और छोटे बच्चों की गर्दन बेहद नाजुक होती है, इसलिए उनके लिए फ्लैट सतह पर सोना ही सुरक्षित है.
- साथ ही, बच्चे के आसपास कोई खिलौना, तकिया, सॉफ्ट टॉय या भारी रजाई भी नहीं होनी चाहिए. ये चीजें नींद में बच्चे के चेहरे पर आ सकती हैं और सांस लेने में बाधा डाल सकती हैं.
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर मलिक कहते हैं, बच्चे को कभी भी पेट के बल नहीं सुलाना चाहिए. इस तरह लेटने से बच्चे की सांस रुक सकती है. गंभीर मामलों में SIDS (Sudden Infant Death Syndrome) का खतरा तक बढ़ जाता है. इसलिए पेट के बल सुलाने से पूरी तरह बचना चाहिए.
बच्चे को टमी टाइम भी सिर्फ तब देना चाहिए, जब बच्चा जाग रहा हो और माता-पिता की निगरानी में हो. दिन में 2–3 बार टमी टाइम देना बच्चे की गर्दन, पीठ और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत करता है. लेकिन यह बिल्कुल ध्यान में रहे कि टमी टाइम कभी भी बिना निगरानी के न दें.
इन कुछ आसान बातों का ध्यान रखकर आप अपने बच्चे की नींद को न सिर्फ आरामदायक, बल्कि पूरी तरह सुरक्षित बना सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.