बच्चों को 12 वर्ष की उम्र तक कौन सी आदतें जरूर सिखा देनी चाहिए, जान लीजिए आज

Parenting Tips: संस्कारों और अच्छी आदतों की शुरुआत बचपन में ही हो जाती है और वे धीरे-धीरे व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाते हैं.

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समय की पाबंदी ऐसी आदत है, जो जीवन में आगे बढ़ने में काफी महत्वपूर्ण होती है.

Parenting Tips: बच्चों को बेहतर और संस्कारवान एक दिन में नहीं बनाया जा सकता है. इसके लिए बचपन से ही उनमें अच्छी आदतों को विकसित करने और बुरी आदतों से दूर रखने की जरूरत होती है. पेरेंट को अपने व्यक्तित्व में संस्कार और अच्छे गुणों को बढ़ावा देकर बच्चों के सामने उदाहरण पेश करना चाहिए. संस्कारों और अच्छी आदतों की शुरुआत बचपन में ही हो जाती है और वे धीरे-धीरे व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाती हैं. बचपन में बच्चों को दिए गए संस्कार हमेशा उनके साथ रहते हैं. आइए जानते हैं 4 ऐसी आदतों के बारे में जिन्हें बचपन से ही अपने बच्चों में विकसित करने पर पूरा ध्यान देना चाहिए. ये 4 आदतें बच्चों को न केवल संस्कारी बनाने में मदद करेंगी, बल्कि उन्हें बेहतर इंसान भी बनाएंगी.

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संस्कारी बनाने के लिए बच्चों को सिखाएं ये 4 आदतें - Teach these four habits to children to make them cultured

1. समय की पाबंदी - Punctuality

समय की पाबंदी ऐसी आदत है, जो जीवन में आगे बढ़ने में काफी महत्वपूर्ण होती है. बच्चों को बचपन से ही समय का पालन करने की आदत लगानी चाहिए. उन्हें समय का सही उपयोग करना, अपने कामों को समय पर पूरा करना सिखाना चाहिए और इसके लिए सबसे पहले खुद में इस आदत को विकसित करें. जिन बच्चों को माता पिता समय की पाबंदी नहीं सिखा पाते हैं वे सफलता पाने के मामले में पिछड़ जाते हैं.  

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2. साफ सफाई की आदत - Habit of cleanliness

बच्चों को साफ सफाई का महत्व समझाना बहुत जरूरी है. यह एक ऐसी आदत है, जिसे बच्चे ने एक बार सीख लिया तो पूरे जीवन भर उसकी आदत मे शामिल रहेगी. एक बार बच्चे को साफ सफाई से रहने की आदत हो जाती है, तो वे हमेशा ही अपने आसपास सफाई का ध्यान रखते हैं.  यह आदत उन्हें बाकियों से अलग बनाती देती है. पेरेंट को बचपन से ही बच्चों को स्वच्छता और सफाई की आदत सिखानी चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि सफाई का ध्यान नहीं रखने से किन बातों का खतरा हो सकता है.  

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3. दूसरों का सम्मान और अनुशासन - Respect for others and discipline

पेरेंट को अपने बच्चों को दूसरों को सम्मान देना और अपने जीवन में अनुशासन के पालन की आदत सिखानी चाहिए. उन्हें सिखाना चाहिए कि बड़ों का सम्मान करना और अनुशासन में रहना बहुत जरूरी है.

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4. सहयोग और सहानुभूति -  cooperation and sympathy

जीवन में कोई भी अकेला नहीं होता है. हर किसी को अपने आसपास रहने वालों के साथ सहयोग करना और जरूरत पड़ने पर सहानुभूति प्रकट करना पड़ता है. पेरेंट को बचपन से बच्चों में ये आदते डेवलप करनी चाहिए. उन्हें सिखाना चाहिए कि दूसरों की मदद करना और उनकी भावनाओं का सम्मान करना बहुत जरूरी है. उन्हें बताना चाहिए कि मुश्किल समय में किसी को किस तरह मदद करनी चाहिए और परेशान लोगों से सहानुभूति की भावना रखनी चाहिए. ये आदतें हमें समाज में रहने के लायक बनाती है.

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