Bathua khane ke fayde: सर्दी शुरू होते ही सब्जी मंडी में हरी हरी सब्जियों की बहार आ जाती है. इनमें एक खास नाम है बथुआ. बथुआ खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है. ये किसी सुपरफूड से कम नहीं है. दादी नानी के जमाने से लेकर आज तक बथुए का साग, पराठा या रोटी (Bathua Ki Roti Khane Ke Fayde) हर घर की सर्दियों की थाली में जरूर दिखता है. आयुर्वेद में भी इसे शरीर की सफाई करने वाला नेचुरल डिटॉक्स (Bathua Khane Ke Kya Fayde Hain) बताया गया है. तो चलिए जानते हैं बथुआ खाने के फायदे, इसकी तासीर और किन लोगों को इससे थोड़ी दूरी बनाकर रखनी चाहिए.
बथुआ किसे खाना चाहिए किसे नहीं (Bathua Benefits And Who Should Not Eat It)
बथुआ खाने से कौन सी बीमारी ठीक होती है?बथुआ विटामिन A, C, आयरन और कैल्शियम से भरपूर होता है. ये डाइजेशन को दुरुस्त करता है और कब्ज को दूर भगाता है. जो लोग गैस, एसिडिटी या पेट भारीपन जैसी दिक्कतों से परेशान रहते हैं. उनके लिए ये किसी दवा से कम नहीं.
- इतना ही नहीं बथुआ खून को साफ करता है और स्किन को चमकदार बनाता है. मुंहासे, खुजली या रैशेज जैसी स्किन प्रॉब्लम्स में इसका असर जल्दी दिखता है. बथुए का रस पीने से लिवर मजबूत होता है और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं.
- अगर आप जॉइंट पेन, गठिया या ब्लड प्रेशर की परेशानी से जूझ रहे हैं. तो बथुआ आपके लिए फायदेमंद साथी साबित हो सकता है. सर्दियों में इसे रोजाना की डाइट में शामिल करने से इम्यूनिटी भी बढ़ती है और शरीर को गर्माहट मिलती है.
बथुए की रोटी या पराठा सर्दियों की असली शान होती है. थोड़ा देसी घी डालकर गर्मागरम बथुआ पराठा मिल जाए तो क्या ही कहना, ये न सिर्फ स्वाद में कमाल होते हैं. बल्कि शरीर को अंदर से एनर्जी और गर्मी देते हैं.
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किन लोगों को नहीं खाना चाहिए बथुआ (Who should not eat Bathua?)हालांकि ध्यान देने वाली बात ये है कि बथुआ की तासीर हल्की गर्म होती है. इसलिए अगर किसी को किडनी स्टोन की शिकायत है. तो उन्हें इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. क्योंकि इसमें ऑक्सलेट पाया जाता है जो पथरी को बढ़ा सकता है. गर्भवती महिलाएं भी इसे बहुत ज्यादा मात्रा में खाने से बचें या डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन करें.
बथुआ में भरपूर मात्रा में आहारीय फाइबर पाया जाता है, जो मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद करता है और पेट फूलने और कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाता है. रोजाना बथुआ का सेवन करने से आंत का स्वास्थ्य बेहतर होता है और आपका पाचन तंत्र सुचारू रूप काम करता है.
बथुआ उगाने के लिए अक्टूबर से मार्च के बीच मिट्टी में पतली परत में बीज बोएं. पौधे को पानी दें और पूरी धूप में रखें. इसके अलावा कीटों से बचने के लिए नीम के तेल का प्रयोग करना असरदार हो सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.