Egg For Baby: अंडे को सेहत के लिए सुपरफूड माना जाता है. इसमें बॉडी के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. खासकर अंडा प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स भी अंडे को डेली डाइट का हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं. लेकिन क्या छोटे बच्चों को अंडे खिलाने चाहिए? अगर हां, तो बच्चों को अंडे खिलाने की शुरुआत कब करें और एक बारे में कितना अंडा दें. आइए बच्चों की डॉक्टर से जानते हैं इन सवालों के जवाब-
क्या कहती हैं डॉक्टर?
इसे लेकर पीडियाट्रिशियन निमिशा अरोड़ा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में बच्चों की डॉक्टर बताती हैं. बड़ों की तरह ही बच्चों के लिए भी अंडे बेहद फायदेमंद होते हैं. हालांकि, अंडा खिलाना से पहले कुछ खास बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.
डॉक्टर अरोड़ा बताती हैं, 6 महीने तक बच्चे को केवल मां का दूध देना चाहिए. 6 महीने बाद आप बच्चे को अंडा खिला सकते हैं.
- पीडियाट्रिशियन बताती हैं, आप 6 महीने के बाद बच्चे को उबले हुए अंडे की जर्दी (Egg Yolk) को अच्छे से मैश करके मां के दूध या फार्मूला मिल्क के साथ मिलाकर दे सकते हैं.
- डॉक्टर बहुत छोटे बच्चे को अंडे का सफेद हिस्सा (Egg White) न खिलाने की सलाह देती हैं. डॉक्टर बताती हैं कि अंडे का सफेद हिस्सा एलर्जेनिक हो सकता है, इसलिए शुरुआती महीनों में जर्दी से शुरू करना बेहतर होता है.
- 7 महीने के बाद बच्चे को थोड़ा-थोड़ा स्क्रैम्बल्ड एग या सॉफ्ट ऑमलेट खाने के लिए दे सकते हैं.
- 9 महीने की उम्र में बच्चे के चबाने की क्षमता बढ़ने पर आप हार्ड बॉयल्ड अंडे के छोटे-छोटे स्लाइस दे सकते हैं. हालांकि, ध्यान रखें कि अंडा पूरी तरह से पका हुआ हो.
- डॉक्टर बताती हैं कि बच्चों को एक दिन में एक अंडा दिया जा सकता है. इससे उन्हें जरूरी प्रोटीन मिल जाता है.
- डॉक्टर अरोड़ा के मुताबिक, बच्चों को कभी भी अधपका या कच्चा अंडा न दें क्योंकि इससे साल्मोनेला संक्रमण का खतरा हो सकता है.
- अंडे देने के समय कम से कम 3 दिन का अंतर रखें ताकि किसी भी प्रकार की एलर्जी (जैसे त्वचा पर चकत्ते, उल्टी या दस्त) की पहचान की जा सके.
- इन सब से अलग आपके परिवार में अंडे से एलर्जी का इतिहास है, तो बच्चे को अंडा देने से पहले एक बार पेडियाट्रिशन से सलाह जरूर लें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.