Sardi Pet Saf Karne Ke Upay: सर्दियों के मौसम में खानपान से लेकर लाइफस्टाइल में बदलाव होता है. अक्सर लोग ठंड में इम्यूनिटी बढ़ाने भोजन का सेवन करते हैं, लेकिन ठंड के मौसम में बदली हुई आदतों के कारण पेट की शिकायतें बढ़ना आम हो जाता है. इसका असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है. इसके अलावा लोग सर्दियों में पानी भी कम पीते हैं, क्योंकि ठंड के कारण हमें प्यास कम लगती है. इन सबके चलते पेट से जुड़ी समस्या बढ़ जाती है. पाचन धीमा हो जाता है और कब्ज की समस्या बढ़ जाती है. अगर, आपका ठंड के मौसम में पेट साफ नहीं पाता या फिर मल पत्थर जैसा सख्त हो गया तो हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा बताए गए कुछ देसी नुस्खे राहत दिला सकते हैं.
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (NIDDK) लोगों को कब्ज से बचने के लिए कम या बिना फाइबर वाले फूड्स जैसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, तैयार भोजन, पैकेज्ड स्नैक फूड, मांस, फास्ट फूड और चिप्स जैसे फूड्स से परहेज करने की सलाह देता है.
गर्म पानी पिएं
ठंड के दिनों में बॉडी का तापमान बनाए रखने के लिए शरीर अधिक एनर्जी खर्च करता है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है. इस दौरान हमें प्यास कम लगती है, इसलिए हम पानी बहुत कम पीते हैं, लेकिन अगर हम कम पानी पीते हैं, तो आंतों में मल सख्त हो जाता है और कब्ज की समस्या बढ़ जाती है. ऐसे में दिन भर गर्म पानी पीना चाहिए. यह हमारे पाचन तंत्र को सक्रिय रखता है और मल त्याग को बेहतर बनाने में मदद करता है.
ठंड के दिनों में तैलीय और बाहर की चीजें अधिक खाई जाती हैं, जो कब्ज और गैस की समस्या बढ़ा देती हैं. ऐसे में अपने खाने में रेशेदार फूड्स को शामिल करना जरूरी है. मौसमी सब्जियों और फलों को खाना शुरू करें. गाजर, मूली, चुकंदर का इस्तेमाल करें. इसके अलावा फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करें.
अच्छी नींद लेंपाचन तंत्र का स्वास्थ्य केवल खानपान पर ही नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल पर भी निर्भर करता है. सर्दियों में कई लोग देर से सोते हैं या निष्क्रिय रहते हैं, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं. दिन में कम से कम 7 से 8 घंटे नींद लेने शरीर में तनाव कम होता है. तनाव कम होने से पाचन तंत्र ठीक से काम करता है.
वहीं, सुबह उठने के बाद 10 से 15 मिनट टहलना या गुनगुनी धूप में बैठना बहुत फायदेमंद होता है. धूप से प्राप्त विटामिन डी आंतों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. टहलने से आंतों की गतिशीलता बढ़ती है और प्राकृतिक रूप से कब्ज से राहत मिलती है.
खानपान का ध्यान रखेंसर्दियों में लंबे समय तक खाली पेट रहना नुकसानदायक हो सकता है. इससे पेट में एसिड जमा हो जाता है और पित्त बढ़ने लगता है. ऐसे में हर 3 से 4 घंटे में थोड़ा-थोड़ा और संतुलित भोजन करें. नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना समय पर लें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.