बात-बात पर जवाब दे रहा बच्चा, कर रहा चुभने वाली बात तो माता-पिता को समझना चाहिए कहां हो रही है गलती

कई बार बच्‍चे अपने मां-बाप से गुस्‍सा हो जाते हैं या गलत व्यवहार कर बैठते हैं. बच्चों का इस तरह का व्यवहार माता-पिता को दुखी करता है. कई बार तो कुछ बातें उन्हें अंदर तक तोड़ देती हैं.

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घर पर पॉजिटिव माहौल बनाने की कोशिश करें.

Parenting Tips : बच्चों की परवरिश करना बिल्कुल भी आसान नहीं होता है. इस सफर में पैरेंट्स (Parents) को कई चुनौतियों (Challenges) का सामना करना पड़ता है. कई बार तो सिचुएशन ऐसी बन जाती है, जब उन्हें खुद को संभालने में भी मुश्किलें आती हैं. कई बार बच्‍चे अपने मां-बाप से गुस्‍सा हो जाते हैं या गलत व्यवहार कर बैठते हैं. बच्चों का इस तरह का व्यवहार माता-पिता को दुखी करता है. कई बार तो कुछ बातों अंदर तक तोड़कर रख देती है. हालांकि, पैरेंट्स को ऐसा करने से बचने की कोशिश करनी चाहिए, इसे सही तरह से हैंडल (How To Deal With Kids) करना चाहिए. यहां जानिए बच्चों की किन-किन बातों को दिल से नहीं लगानी चाहिए.

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1. बच्‍चों का मूड स्विंग्‍स

बच्‍चों के मूड बदलते रहते हैं. अगर उसका मूड खराब है तो उसे स्पेस देना चाहिए. ऐसी कंडीशन में बच्चों को परेशान नहीं करना चाहिए और बार-बार किसी सवाल से बचना चाहिए. बच्चे अभी अपने इमोशनल फीलिंग्स को समझने और कंट्रोल करने में सक्षम नहीं होते हैं, ऐसे में आपको उन्हें समझने की जरूरत है.

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2. लिमिट और बाउंड्री 

कुछ पैरेंट्स अपने बच्‍चों के लिए लिमिट और बाउंड्री सेट करते हैं. बच्चों से उम्मीद करते हैं कि वे इसी दायरे में रहें. जबकि बच्चा ग्रोथ वाले फेज में होता है तो वह कुछ अलग करने की कोशिश करता रहता है. ऐसे में माता-पिता जब इस तरह की चीजें करते हैं तो बच्चों को लगता है कि उसकी फ्रीडम छीनी जा रही है. ऐसे में वे जवाब देने लगते हैं. ऐसे में गुस्सा करने या उनकी बातों को दिल से लगाने की बजाय उन्हें समझाना चाहिए.

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3.  किसी चीज को भूल जाना

बच्‍चों की मेमोरी कम होती है. कई बार बाकी चीजों के चक्कर या भूलने की वजह से वे आपसे किसा कोई प्रॉमिस भूल भी सकते हैं. ऐसे में पैरेंट्स गुस्सा करते हैं लेकिन इससे बचना चाहिए. उन्हें धैर्य से काम लेना चाहिए, उस सिचुएशन को समझने की कोशिश करनी चाहिए. बच्चों को उनका वादा याद दिलाते रहना चाहिए.

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4. बच्चों की लड़ाई

हर घर में छोटे बच्चे या भाई-बहन आपस में लड़ाई करते हैं. जब भी ऐसा हो तो इसे अपनी पैरेंटिंग का सवाल न बना लें. घर पर पॉजिटिव माहौल बनाने की कोशिश करें और उनके बीच बॉन्डिंग मजबूत करने पर ध्यान दें.

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5. आलोचना करना

जब बच्‍चे बड़े होने लगते हैं तो वे माता-पिता की गलतियां निकालने लगते हैं. कई बार बच्चों की कुछ बातें माता-पिता को चुभ सी जाती है. इस पर ध्यान देने से दुख बढ़ता ही है, ऐसे में ध्यान दें कि आपमें कहां सुधार की जरूरत  है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
 

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