Parenting Tips: छोटे बच्चों का रोना एक आम बात है. हालांकि, कई मां-बाप की शिकायत होती है कि उनका बच्चा हर थोड़े-थोड़े समय पर रोने लगता है और फिर लाख कोशिश करने के बाद भी चुप नहीं होता है. ऐसे में मां-बाप की चिंता बढ़ जाती है. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है और आप अपने बच्चे को लेकर परेशान हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है. आइए बच्चों के डॉक्टर से जानते हैं कि आखिर बच्चा बार-बार क्यों रोता है और उसे शांत करने के लिए माता-पिता को क्या करना चाहिए.
बस गोदी में सोता है बच्चा और बेड पर लेटते ही रोने लगता है? डॉक्टर से जान लें इस आदत को कैसे ठीक करें
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मामले को लेकर फेमस पीडियाट्रिशियन संदीप गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में बच्चों के डॉक्टर ने आसान भाषा में बच्चों के रोने का कारण और उसे शांत कराने के तरीके बताए हैं.
अपनी पोस्ट में इस सवाल का जवाब देते हुए पीडियाट्रिशियन बताते हैं, बच्चे के रोने के पीछे हर बार एक संकेत छिपा होता है. जैसे-
नवजात शिशु का पेट छोटा होता है, जिससे उन्हें बार-बार भूख लग सकती है.
गीला या गंदा डायपरडायपर गीला या गंदा होने पर शिशु असहज महसूस करता है और रो सकता है.
नींद की कमी या थकानशिशु को पर्याप्त नींद न मिलने पर वह चिड़चिड़ा हो सकता है और रो सकता है.
गैस या पेट दर्दगैस या कोलिक के कारण शिशु को पेट में दर्द हो सकता है, जिससे वह रोता है.
अत्यधिक गर्मी या ठंडशिशु को बहुत गर्म या ठंडा महसूस होने पर वह असहज होकर रो सकता है.
संपर्क की जरूरतइन सब से अलग कभी-कभी शिशु केवल माता-पिता के स्पर्श या गोद में रहने की इच्छा से भी रोता है.
बच्चे को शांत कैसे कराएं?इस सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर बताते हैं, बच्चे को शांत कराने के लिए उसके रोने का कारण जानना जरूरी है.
अगर शिशु भूखा है, तो उसे स्तनपान कराएं या फॉर्मूला दूध दें. इससे बच्चा खुद शांत हो जाएगा.
डायपर जांचेंजब बच्चा रोए, तो एक बार उसका डायपर जरूर चेक करें. गीला या गंदा होने पर डायपर को तो तुरंत बदलें. साथ ही ध्यान रखें कि मासूम के कपड़े भी आरामदायक और मौसम के अनुसार हों.
- कई बार बच्चा नींद पूरी न होने पर भी चिड़चिड़ा हो जाता है. ऐसे में बच्चे को अंधेरे और शांत कमरे में सुलाएं.
- सोते समय लोरी गाना या हल्के-हल्के झुलाना शिशु को सुकून देता है. इससे उसे बेहतर नींद आएगी.
- डॉक्टर गुप्ता बताते हैं, बच्चे को दूध पिलाने के बाद डकार जरूर दिलाएं. इससे उसे गैस की परेशानी नहीं होती है.
- अगर मासूम लगातार रो रहा है, तो हल्के हाथों से पेट की मालिश करें.
- इससे अलग आप बच्चे को साइकिलिंग एक्सरसाइज करा सकते हैं. ऐसा करने से भी पेट दर्द और गैस में आराम मिलता है.
हालांकि, अगर ये तमाम तरीके अपनाने के बाद भी शिशु लगातार रो रहा है, तो इसे लेकर एक बार पीडियाट्रिशियन से सलाह जरूर लें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.