बच्चों को जिम भेजने की क्या है सही उम्र? कहीं आप भी तो नहीं कर रहे बच्चे को जल्दी जिम भेजने की गलती

आजकल माता-पिता बेहद छोटी उम्र में ही बच्चों को जिम जॉइन करवा देते हैं. लेकिन, समय से पहले जिम जाना बच्चों की सेहत को कई तरह से प्रभावित कर सकता है, जानिए यहां. 

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जानिए किस उम्र में बच्चों को जॉइन करना चाहिए जिम. 

Healthy Tips: आजकल जिम जाना जरूरत से ज्यादा ट्रेंड बनने लगा है. व्यक्ति खुद तो जिम जाता ही है, साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी जिम जॉइन करवाने की कोशिश करता है. यहां तक कि बच्चों को भी कम उम्र से ही जिम जाने की ललक लग गई है और अपने फेवरेट हीरो-हीरोइन की तरह बॉडी पाने के लिए वे माता-पिता से जिद करते हैं और माता-पिता उन्हें जिम जॉइन करवा देते हैं. लेकिन, जिम (Gym) जाने की भी एक सही उम्र होती है. अगर समय से पहले जिम जाना शुरू कर दिया जाए तो इसका बच्चों पर शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक प्रभाव भी पड़ सकता है. यहां जानिए जिम जाने की सही उम्र क्या है और समय से पहले जिम जाने पर बच्चों पर किस-किस तरह का प्रभाव पड़ सकता है. 

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बच्चों को जिम भेजने की सही उम्र 

आजकल बच्चे 14 से 15 साल की उम्र में ही जिम जाने लगे हैं और बहुत से बच्चे 11-12 साल के होकर भी जिम जाने की जिद करना शुरू कर देते हैं. लेकिन, बच्चों को जिम भेजने की सही उम्र 17-18 साल के करीब होनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि किशोरावस्था में बच्चों के शरीर में पहले ही कई बदलाव होते हैं और उनका शरीर पूरी तरह जिम के लिए परिपक्व नहीं होता है. वहीं, वयस्क हो जाने के बाद बच्चे जिम के प्रेशर (Gym Pressure) को झेल सकते हैं. बच्चों की मसल्स इतनी मजबूत नहीं होती कि कम उम्र में जिम की हैवी एक्सरसाइज और इक्विपमेंट्स को झेल सकें. 

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जिम जाना ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी कम उम्र के बच्चों को प्रभावित कर सकता है. जो बच्चे ओवरवेट हैं अगर उन्हें कम उम्र में जिम भेजा जाए तो वे पतले होने का प्रेशर महसूस कर सकते हैं. जिम में कई-कई महीनों तक भी पतले होने में समय लग सकता है और एकदम से रिजल्ट्स नहीं दिखते. ऐसे में रोजाना जिम जाना और यह महसूस करना कि हम फिट नहीं हो रहे, बच्चों को प्रभावित कर सकता है. इससे उन्हें एंजाइटी, डिप्रेशन या फिर निराशा महसूस हो सकती है. 

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छोटी उम्र के बच्चों को जिम भेजने की जगह ऐसी फिजिकल एक्टिविटीज करवाई जा सकती हैं जिसे वे ज्यादा बेहतर तरह से एंजॉय कर सकें. बच्चों को स्पोर्ट्स, स्विमिंग, योगा और रनिंग वगैरह करवाई जा सकती है. बच्चों के लिए एक अच्छा ट्रेनर चुनें जो उन्हें उम्र के हिसाब से ही एक्टिविटीज करवाए जिससे बच्चे पर शारीरिक और मानसिक रूप से नकारात्मक प्रभाव ना पड़े.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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