Ayurvedic Treatment for Food Poisoning: बरसात के मौसम में फूड पॉइजनिंग की दिक्कत बेहद आम हो जाती है. खाने-पीन में जरा सी भी लापरवाही के चलते व्यक्ति का पेट खराब हो जाता है, जिससे फिर उसे परेशानी का सामना करना पड़ता है. अब, अगर कुछ खाने के बाद आपको भी पेट में मरोड़, मितली, उल्टी या दस्त शुरू हो गए, तो हो सकता है कि आपको फूड पॉइजनिंग हो गई हो. आयुर्वेद के अनुसार, जब पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है, तब शरीर भोजन को सही से पचा नहीं पाता है, जिससे पेट की दिक्कतें बढ़ जाती हैं. ऐसे में आइए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानते हैं इस कंडीशन से कैसे राहत पाई जा सकती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मामले को लेकर NDTV संग हुई बातचीत के दौरान आयुर्वेद के निदेशक और वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर प्रताप चौहान ने बताया, 'अगर कुछ खाने-पीने के बाद आपका पेट खराब हो गया है या आपको फूड पॉइजनिंग हो गई है, तो कुछ आसान और असरदार आयुर्वेदिक उपाय हैं, जिनसे आपको तुरंत राहत मिल सकती है.'
धनिये का पानी
डॉक्टर प्रताप बताते हैं, पेट में जरा भी गड़बड़ महसूस होने पर एक चम्मच साबुत धनिया को दो गिसाल पानी में अच्छी तरह उबाल लें. इस पानी को छानकर दिनभर में थोड़ा-थोड़ा करके पिएं. यह पेट को ठंडक देता है, सूजन कम करता है और पाचन सुधारता है.
एक चम्मच अदरक का रस लें और उसमें थोड़ा शहद मिलाकर पिएं. डॉक्टर चौहान बताते हैं, यह नुस्खा मरोड़ और उल्टी को कम करता है और पाचन शक्ति बढ़ाता है. अदरक का रस पेट को शांत करता है और गैस बनने से भी रोकता है.
सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में पीस लें. तैयार पाउडर को आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें. आयुर्वेदिक डॉक्टर के मुताबिक, इससे गैस, जलन और बदहजमी में राहत मिलती है.
इन नुस्खों से अलग डॉक्टर प्रताप चौहान बताते हैं, जब शरीर फूड पॉइजनिंग से जूझ रहा हो, तो उसे आराम देना बहुत जरूरी है. इस समय तला-भुना या मसालेदार खाना बिल्कुल न खाएं. इनसे अलग आप हल्की मूंग दाल की खिचड़ी, सादा दही-चावल या ओट्स जैसी चीजें खा सकते हैं. इससे अलग ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं. नींबू-पानी या हल्का नमक-चीनी घोल भी मददगार हो सकता है.
हालांकि, अगर लक्षण बहुत गंभीर नहीं हैं, तो इस कंडीशन में एक बार हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह लेना जरूरी हो जाता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.