क्या होता है ब्रेन रॉट, जानिए इसके नुकसान और इससे कैसे रहें बचकर

Brain Rot Meaning: ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने ब्रेन रॉट को साल 2024 का वर्ड ऑफ द ईयर घोषित किया है. लेकिन, क्या आप जानते हैं क्या होता है ब्रेन रॉट? अगर नहीं तो यहां जानिए ब्रेन रॉट क्या है और इससे कैसे रहा जा सकता है बचकर.

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What Is Brain Rot: यहां जानिए ब्रेन रॉट के बारे में सबकुछ.

Brain Rot Effects: ब्रेन रॉट एक ऐसा शब्द है जिसे इस साल आपने भी शायद खूब सुना होगा. ब्रेन रॉट (Brain Rot) को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने इस साल का वर्ड ऑफ द ईयर (Word Of The Year) भी घोषित किया है. लेकिन, यह ब्रेन रॉट आखिर होता क्या है? ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार, ब्रेन रॉट का मतलब है व्यक्ति की लगातार खराब होती मानसिक स्थिति, खासतौर से ऑनलाइन चीजों को जरूरत से ज्यादा देखना या इस्तेमाल करना. ब्रेन रॉट शब्द का इस्तेमाल मीम्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स पर ज्यादा देखने को मिलता है. डिजिटल युग में जेन जी और जेन अल्फा ब्रेन रॉट शब्द का इस्तेमाल अपनी रील्स में भी खूब करते हैं. देखा जाए तो ऑनलाइन जरूरत से ज्यादा समय बिताने पर जब दिमाग एकदम बंद महसूस होने लगता है या इस ओवरकंज्पशन से दिमाग की सेहत पर असर पड़ता है तो इसे ब्रेन रॉट कहते हैं. ऐसे में यहां जानिए वो कौनसी आदतें हैं या कौनसे काम हैं जो ब्रेन रॉट से आपको दूर रख सकते हैं और आपकी मेंटल हेल्थ को ठीक रखते हैं. 

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ब्रेन रॉट से कैसे बचें | How To Avoid Brain Rot 

ब्रेन रॉट को कुछ आम आदतों से भी पहचाना जा सकता है. अगर किसी को कुछ फोकस करने में दिक्कत होती है, पढ़ाई नहीं हो पा रही है, व्यक्ति जल्दी इरिटेट हो जाता है और किसी चीज को याद रखने में उसे दिक्कत होती है तो इसे ब्रेन रॉट के लक्षण (Brain Rot Symptoms) माने जा सकते हैं. ऐसे में इस ब्रेन रॉट से बचकर रहने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखा जा सकता है. 

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पूरी नींद लें 

नींद पूरी करके ब्रेन रॉट से बचकर रहा जा सकता है. नींद की कमी एक नहीं बल्कि कई मानसिक और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह बनती है. इसके अलावा, नींद की कमी याद्दाश्त और सीखने की क्षमता पर भी प्रभाव डालती है. ऐसे में पूरी नींद लेना जरूरी है. 

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एक्टिव रहना है जरूरी 

दिमाग एकदम सुस्त ना महसूस हो इसके लिए शरीर को भी दुरुस्त रखना जरूरी होता है. बिस्तर पर घंटों तक पड़े रहकर मोबाइल स्क्रोल करते रहने के बजाए एक्टिव हो जाएं. इससे शरीर का ब्लड फ्लो भी बेहतर होता है. इसके लिए वॉकिंग, स्ट्रेचिंग, एरोबिक्स या एक्सरसाइज वगैरह करें जिससे शरीर का ब्लड फ्लो बड़े और आपको खुश, क्रिएटिव और मेंटली भी एक्टिव महसूस हो. 

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बाहर बिताएं समय 

दिनभर घर में पड़े रहने से और मोबाइल की स्क्रीन के सामने समय बिताने से दिमाग पर असर पड़ता है. इसीलिए घर से बाहर निकलना भी जरूरी होता है. समय-समय पर बाहर निकलें, लोगों से मिलें, दोस्तों के साथ या खुद ही कहीं पार्क वगैरह में प्रकृति की छटा में समय व्यतीत करें. 

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अच्छा खाना खाएं 

शारीरिक और मानसिक सेहत बनाए रखने में अच्छे भोजन की बड़ी भूमिका होती है. आप जो कुछ खाते हैं उसका सीधा असर दिमाग की सेहत (Brain Health) पर होता है. इसीलिए खानपान में प्रोटीन, विटामिन, अमीनो एसिड्स, खनिज और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर चीजों को शामिल करना जरूरी है. इसके अलावा, भरपूर मात्रा में विटामिन डी लेना ना भूलें. 

मल्टीटास्क करें लेकिन चीजों को उलझाए नहीं 

मल्टीटास्क किया जा सकता है लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि मल्टीटास्क करने के चक्कर में चीजें उलझ ना जाएं. अगर चीजें जरूरत से ज्यादा उलझी हुई दिखने लगती हैं तो दिमाग भी बंद महसूस होने लगता है. इसका असर दिमाग की फोकस करने की क्षमता पर भी पड़ता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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