ध्यान किस उम्र में शुरू करना चाहिए? जानिए बच्चों के लिए कितना जरूरी है मेडिटेशन

ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी के अनुसार ध्यान शुरू करने के लिए कोई निश्चित उम्र सीमा नहीं होती है. यह केवल व्यक्ति की समझ, तैयारी और जागरूकता पर निर्भर करता है. इसी कारण व्यक्ति किसी भी उम्र से मेडिटेशन करना शुरू कर सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
ध्यान किस उम्र में शुरू करना चाहिए?
Freepik

Best Age to Start Meditation: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और स्ट्रेस लोगों का पीछा ही नहीं छोड़ते हैं. इससे छुटकारा पाने के लिए सबसे आसान तरीका है या ध्यान करना यानी मेडिटेशन. रोज सुबह उठकर नियमित रूप से मेडिटेशन करने से मानसिक शांति बनी रहती है, स्ट्रेस कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है. यही कारण है कि इस डिजिटल युग में डॉक्टर भी मेडिटेशन को जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं. लेकिन कई पेरेंट्स के मन में यह सवाल आता है कि ध्यान किस उम्र से शुरू करना चाहिए और क्या बच्चों को भी मेडिटेशन करना चाहिए. आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देंगे और बताएंगे कि मेडिटेशन से क्या लाभ मिलता है.

यह भी पढ़ें: 1 किलो फैट बर्न करने के लिए रोज कितना चलना चाहिए? एक्सपर्ट ने बताया वॉक करना क्यों है फायदेमंद

क्या है ध्यान शुरू करने की सही उम्र?

ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी के अनुसार ध्यान शुरू करने के लिए कोई निश्चित उम्र सीमा नहीं होती है. यह केवल व्यक्ति की समझ, तैयारी और जागरूकता पर निर्भर करता है. इसी कारण व्यक्ति किसी भी उम्र से मेडिटेशन करना शुरू कर सकता है. 

जानिए बच्चों के लिए कितना जरूरी है मेडिटेशन

आजकल के डिजिटल दौर में छोटे बच्चों का स्क्रीन टाइम काफी ज्यादा बढ़ गया है जिसका प्रभाव उनकी मानसिक स्थिति पर पड़ता है. ऐसे में पेरेंट्स ने छोटी उम्र से भी बच्चों को मेडिटेशन सिखाना शुरू कर दिया है. ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी के अनुसार बच्चों को अक्सर छोटी उम्र से ही ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास सिखाना अच्छा होता है क्योंकि यह माना जाता है कि बच्चे स्वभाव से शुद्ध होते हैं और उनके मन में बड़ों की तुलना में कम नेगेटिविटी होती है. इसके अलावा बच्चे आध्यात्मिक बातें जल्दी समझ लेते हैं और उनका मन शांति महसूस करने के लिए ज्यादा खुला होता है.

मेडिटेशन के क्या फायदे होते हैं?

रोजाना नियमित रूप से मेडिटेशन करने से मन शांत रहता और स्ट्रेस हार्मोन कम हो जाता है. साथ ही इससे मूड ठीक होता है और सकारात्मकता महसूस होती है. इसके अलावा एकाग्रता बढ़ाने और बुरी आदतों पर नियंत्रण पाने के लिए भी ध्यान करना काफी ज्यादा लाभदायक होता है. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Featured Video Of The Day
'देश में दो नमूने' वाले CM Yogi के बयान पर SP का वॉकआउट, स्पीकर ने सुना दी 'चोर-चोर' वाली ये कहानी
Topics mentioned in this article