Sleeping With Heater: रात में हीटर और ब्लोअर चलाकर सोने से क्या होता है? डॉक्टर से जानिए त्वचा को कितना होता है नुकसान

Sleeping With Heater: हीटर कमरे की नमी खींच लेता है, जिसके कारण त्वचा का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है। इससे त्वचा में खिंचाव और रूखापन, खुजली और जलन, होंठ फटना, लाल धब्बे और जलन आदि की समस्या हो जाती है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
रात में हीटर और ब्लोअर चलाकर सोने से क्या होता है?
Freepik

Sleeping With Heater: सर्दी की ठंडी रातों में हीटर या ब्लोअर की गर्माहट सुकून देती है, लेकिन ठंड से राहत देने वाली ये चीज सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है. यह सांस लेने में तकलीफ से लेकर नींद की समस्याओं तक कई समस्याएं पैदा कर सकती है. इसके अलावा स्किन पर भी बहुत असर पड़ता है. कई स्टडी से पता चला है कि हीटर या ब्लोअर के साथ सोना किस हद तक सुरक्षित है, यह जानना सावधानी बरतने के लिए महत्वपूर्ण है. जीवा आयुर्वेद के डॉ. केशव चौहान ने बताया कि रात में हीटर और ब्लोअर चलाकर सोने से क्या होता है? रात में हीटर और ब्लोअर चलाकर सोने से त्वचा को कितना नुकसान होता है.

यह भी पढ़ें:- अपराजिता के फूल खाने से क्या फायदा होता है, बालों के लिए अपराजिता फूल का उपयोग कैसे करें?

हीटर से त्वचा को कैसे नुकसान पहुंचाता है?

हीटर कमरे की नमी खींच लेता है, जिसके कारण त्वचा का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है। इससे त्वचा में खिंचाव और रूखापन, खुजली और जलन, होंठ फटना, लाल धब्बे और जलन आदि की समस्या हो जाती है.

सांस संबंधी समस्याएं

हीटर या ब्लोअर का उपयोग करने से घर के अंदर की हवा में गड़बड़ी हो सकती है. इससे सांस लेने में दिक्कत होती है और सांस संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ता है. सूखी हवा श्लेष्मा झिल्लियों को सुखाकर प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर कर सकती है, जिससे जलन, गले में खराश और खांसी होने की संभावना बढ़ जाती है.

नींद में व्यवधान

गहरी और आरामदायक नींद के लिए शरीर को एक अनुकूल तापमान बनाए रखना आवश्यक है. हीटर और ब्लोअर गर्मी तो प्रदान करते हैं, लेकिन ये शरीर की इस प्राकृतिक शीतलन प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं. अत्यधिक गर्म कमरे नींद आने में कठिनाई पैदा कर सकते हैं, बार-बार नींद टूटने का कारण बन सकते हैं और नींद की गुणवत्ता को कम कर सकते हैं.

एलर्जी पैदा करने वाले कारक

घर के अंदर की हवा की गुणवत्ता पर किए गए शोध से पता चलता है कि हीटिंग सिस्टम और खराब वेंटिलेशन से हवा में मौजूद धूल कणों की मात्रा बढ़ जाती है. गर्म वातावरण वाले घरों में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि वहां रहने वाले लोगों को खांसी, छींक और सांस लेने में तकलीफ होने की संभावना अधिक होती है, खासकर सर्दियों के महीनों में जब हीटिंग का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है.

Advertisement

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Featured Video Of The Day
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में ये कैसी 'आग'? Usman Hadi की मौत से ढाका टू बॉर्डर तक हलचल
Topics mentioned in this article