रात को देर से सोने और सुबह लेट उठने के क्या नुकसान हैं? न्यूट्रिशनिस्ट से जान लें ऐसा करने से शरीर पर कैसा असर होता है

Effects of sleeping late and waking up late: . कई लोग काम के चलते, तो कुछ मोबाइल फोन या सोशल मीडिया की वजह से रात 12-1 बजे तक जागते हैं और फिर सुबह 9-10 तक बजे सोकर उठते हैं. अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं, तो बता दें कि ऐसा करने से आपको कई नुकसान झेलने पड़ सकते हैं.

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रात को देर से सोने और सुबह लेट उठने से क्या होता है?

Sleep Pattern: आज के बदलते लाइफस्टाइल में रात को देर तक जागना एक आम बात हो गई है. वहीं, देर तक जागने से लोग फिर उठते भी लेट हैं. कई लोग काम के चलते, तो कुछ मोबाइल फोन या सोशल मीडिया की वजह से रात 12-1 बजे तक जागते हैं और फिर सुबह 9-10 तक बजे सोकर उठते हैं. अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं, तो ये आर्टिकल आप ही के लिए है. बता दें कि ये आदत भले ही सामान्य लगे या ऐसा करने से आपकी नींद भले ही पूरी हो जाए, लेकिन इससे आपको एक साथ कई नुकसान झेलने पड़ सकते हैं. न्यूट्रिशनिस्ट तमन्ना दयाल ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर ऐसे ही कुछ नुसकान बताए हैं. आइए जानते हैं इस आदत से आपके शरीर पर कैसा असर पड़ता है. 

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क्या कहती हैं एक्सपर्ट?

हार्मोनल इंबैलेंस

न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं, रात को देर तक जागने से शरीर के हार्मोनल साइकल पर सीधा असर पड़ता है. इस वजह से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ जाता है. जब शरीर इंसुलिन को सही से उपयोग नहीं कर पाता, तो ब्लड शुगर बढ़ने लगता है और धीरे-धीरे वेट गेन होने लगता है. यही स्थिति आगे चलकर ऑबेसिटी (मोटापा) और डायबिटीज का कारण बन सकती है.

बॉडी रिपेयर रुक जाती है

हमारी बॉडी का नेचुरल रिपेयर टाइम रात 10 बजे से 2 बजे के बीच होता है. इसी समय शरीर सेल्स का रीजनरेशन करता है, टिश्यू रिपेयर होते हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. लेकिन अगर आप इस समय जाग रहे होते हैं, तो यह पूरा प्रोसेस गड़बड़ा जाता है. इसका असर यह होता है कि बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ने लगती है और इम्यूनिटी धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है. कमजोर इम्यूनिटी का मतलब है बार-बार बीमार पड़ना और थकान महसूस होना.

स्किन पर दिखता है खराब असर

नींद कम होने का सबसे पहला असर चेहरे पर दिखता है. देर रात तक जागने से बॉडी में कॉर्टिसोल (Stress Hormone) बढ़ जाता है, जिससे स्किन की हेल्थ बिगड़ने लगती है. स्किन डल और बेजान दिखती है, एक्ने-पिंपल बढ़ जाते हैं, समय से पहले झुर्रियां नजर आने लगती हैं, साथ ही बालों का झड़ना यानी हेयर फॉल भी बढ़ जाता है.

मूड और एनर्जी पर असर

इन सब से अलग देर से सोने वाले लोगों में सुबह उठने पर भारीपन, सुस्ती और चिड़चिड़ापन ज्यादा देखा जाता है. पूरे दिन एनर्जी कम रहती है, फोकस नहीं बन पाता और मानसिक थकान महसूस होती है.

कैसा होना चाहिए सही रूटीन?

न्यूट्रिशनिस्ट तमन्ना दयाल सलाह देती हैं कि रोजाना रात 10–11 बजे तक सो जाना और सुबह 6–7 बजे तक उठना सबसे हेल्दी स्लीप साइकल माना जाता है. इससे हार्मोन संतुलित रहते हैं, शरीर अपनी प्राकृतिक रिपेयर प्रक्रिया पूरी कर पाता है और स्किन-बाल दोनों बेहतर बने रहते हैं. देर रात जागना धीरे-धीरे आपकी बॉडी, स्किन और मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा असर डालता है.  ऐसे में अगर आप अपनी हेल्थ को लंबे समय तक फिट रखना चाहते हैं, तो नींद का समय नियमित रखना बेहद जरूरी है. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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