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This Article is From Nov 19, 2016

कौन कहता है कि फुल टाइम जॉब करने वाले ट्रैवल नहीं कर पाते!

कौन कहता है कि फुल टाइम जॉब करने वाले ट्रैवल नहीं कर पाते!
प्रतीकात्मक तस्वीर
कौन कहता है, क्यूबिकल में वक्त गुजारने वालों को जिंदगी जीने का मौका नहीं मिलता?
कौन कहता है, सपनों और शौक को पूरा करना केवल रईसजादों की किस्मत में है?
कौन कहता है, लंबे-लंबे वकेशन प्लान्स बनने वालों का अप्रेज़ल और करियर प्रभावित होता है?


ये आम धारणा है कि नौकरीपेशा लोगों, खासकर प्राइवेट नौकरी करने वालों, के पास वकेशन की लग्जरी नहीं होती. पैसे होने के बावजूद वे लंबे-लंबे दिनों की ट्रिप प्लान नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें इतनी दिनों की छुट्टी नहीं मिलती. इसलिए उनके पास केवल वीकेंड्स पर ही कहीं घूमने-फिरने का मौका होता है.

लेकिन हमारा मानना है कि अगर आप एक स्ट्रैटिजी बनाकर चलेंगे तो न सिर्फ कम पैसों में, बल्कि कम वक्त में भी छुट्टियों का ज्यादा लुत्फ उठा सकते हैं. हो सकता है कि आपका बॉस एक बार में 10-15 दिनों की छुट्टी की अर्जी भी पास कर दे. बस इन बातों का ख्याल रखना होगा.

1.हार्ड वर्किंग इंप्लाई की छवि बनाइये 
याद रखिए, कंपनी पॉलिसी के तहत सालभर में आपको कुछ छुट्टियां सिर्फ इसलिए दी गई हैं ताकि आप काम के प्रेशर से खुद को रिलैक्स कर सकें और अपनी क्रियेटिविटी बरकरार रखें. बॉस और एचआर को इसी बात का एहसास दिलाना आपकी ही जिम्मेदारी है. लेकिन जब आप उनके सामने यह बात दोहराएं, यह सुनिश्चित कर लें कि आप उनकी नज़रों में एक हार्ड वर्किंग कर्मी हैं. वैसे भी आलसी और औसत कर्मचारी को 3-4 दिन से ज्यादा की छुट्टी  एक बार में ही देने का 'फेवर' निजी कंपनी का बॉस कभी नहीं करेगा.

2.ऑफिशियल कैलेंडर के हिसाब से ट्रिप प्लान करें
कोशिश करें कि आप साल में एक बड़ी ट्रिप(12-15 दिन) और तीन छोटी-छोटी (2-3) ट्रिप प्लान करें. फिर उसी हिसाब से लोकेशन का चुनाव करें. अपने वीक-ऑफ के दिनों के बाद कंपनी की ओर से मिलने वाली छुट्टियों को क्लब करें. कोई कॉम्पेनसेटरी ऑफ हो, तो उसे भी इसमें शामिल करें. इससे न सिर्फ आप लंबी छुट्टी पर जा पाएंगे, बल्कि काफी छुट्टियां सेव भी कर पाएंगे. हो सके तो डेस्टिनेशन के लिए फ्लाइट या ट्रेन छुट्टी से ठीक पहले की लास्ट वर्किंग डे की शाम को लें. इससे ट्रैवलिंग में आपकी लीव बेकार नहीं होगी. माना कि ये थकान भरा होगा. लेकिन जब आप डेस्टिनेशन पर पहुंचेंगे तो खुद पर खुद रिलैक्स हो जाएंगे. है की नहीं!
 

3. छुट्टी के लिए झूठ मत बोलिये
अगर आप कोई ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो ऑफिस में कायदे से लीव अप्लाई करें. बीमारी या कोई और झूठा बहाना बनाकर छुट्टी न लें. इससे न सिर्फ आपका इंप्रेशन खराब होगा बल्कि झूठ पकड़े जाने पर बॉस का आपपर भरोसा कम होगा. यह बात आपके करियर के लिए भी नुकसानदायक होगी. अगर आप ऐसा करते रहे, तो फिर जब वाकई आपको किसी इमरजेंसी में छुट्टी चाहिए होगी, तब वो आपको नसीब नहीं होगी.

4. छुट्टी पर जाने से पहले टार्गेट पूरा कर के जाएं
जो काम आपको सौंपा गया है उसे छुट्टी पर जाने से पहले निबटा कर जाएं. वर्ना आपकी गैरमौजूदगी में आपके सहकर्मियों पर बोझ बढ़ेगा. इससे आगे से आपकी लीव सैंक्शन होने में परेशानी हो सकती है. अगर आपका कोई सहकर्मी छुट्टी पर जा रहा है और काम में उसे आपकी मदद चाहिए, तो पीछे मत हटियेगा. याद रखिये, किया काम और दान लौटकर ज़रूर आता है.

5.मौके पर चौका लगाइये
अगर आपको ऑफिस की ट्रिप पर जाने का मौका मिले तो बिना हिचकिचाहट बैग पैक कर लें. इससे तीन फायदे होंगे. पहला ये कि आपका इनिशियेटिव लेना बॉस पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ेगा. दूसरा ये कि ट्रिप खर्च का बोझ आपकी जेब पर नहीं पड़ेगा. तीसरा फायदा ये कि आपको नई जगह या किसी जगह को और भी अच्छे से घूमने का मौका मिलेगा.

सीक्रेट ट्रिक: इस बात की फिक्र मत करिये कि किसी इमरजेंसी के लिए भी आपको छुट्टी सुरक्षित रखनी पड़ेगी. अगर आपकी वजह गंभीर और सही होगी, तो आपके बॉस मना नहीं करेंगे. छुट्टिया न बची हों, तो अनपेड लीव की अर्जी देने पर भी काम बन जाएगा. 

पैसे और वक्त बचाने के इन तमाम ट्रिक्स और टिप्स के बावजूद हम आपको कहीं भी ऑफ-सीज़न में जाने की सलाह नहीं देंगे. क्योंकि इससे आप उस जगह को सही मायने में एक्सप्लोर नहीं कर पाएंगे. फिर इतनी तिकड़बाजी का क्या फायदा!

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