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This Article is From Mar 08, 2020

Women's Day 2020: इन 7 महिलाओं ने संभाली PM मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स की कमान, देखें इनकी इंस्पायरिंग स्टोरी

पीएम मोदी ने एक ट्वीट करते हुए जानकारी दी थी कि इस महिला दिवस पर वह 7 महिलाओं को एक दिन के लिए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने देंगे.

Women's Day 2020: इन 7 महिलाओं ने संभाली PM मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स की कमान, देखें इनकी इंस्पायरिंग स्टोरी
इन 7 महिलाओं ने संभाली पीएम मोदी के सोशल मीडिया की कमान.
नई दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) पर पीएम मोदी ने अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल्स जिनमें ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम शामिल है, 7 महिलाओं को सौंपने का ऐलान किया था. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए जानकारी दी थी कि इस महिला दिवस पर वह 7 महिलाओं को एक दिन के लिए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने देंगे. इसके बाद रविवार यानी आज 7 महिलाओं ने पीएम मोदी के सोशल मीडिया हैंडल्स पर पोस्ट्स लिखीं और अपनी-अपनी कहानियां शेयर कीं.

PM Modi ने महिला दिवस पर दी 7 महिलाओं को सोशल मीडिया अकाउंट की जिम्मेदारी, जानिए कौन है पहली महिला जिसने शेयर की अपनी कहानी

1. स्नेहा मोहन 

सबसे पहले स्नेहा मोहन ने अपनी कहानी शेयर की. स्नेहा ने एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि उन्होंने 2015 में एक फूड बैंक की शुरुआत की थी. इस फूड बैंक से अन्य लोगों को जोड़ने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया और फेसबुक पर एक पेज बनाया. इस पेज के जरिए उन्होंने अलग-अलग राज्यों और शहरों के लोगों को इसी तरह से फूड बैंक बनाने के लिए प्रेरित किया. ये फूड बैंक गरीब लोगों को पोष्टिक आहार देते हैं. स्नेहा ने कहा कि उन्होंने इसे इसलिए शुरू किया ताकि भारत में कभी भी किसी को भी भूखा न सोना पड़े.

2. मालविका अय्यर

स्नेहा के बाद मालविका अय्यर ने अपनी कहानी शेयर की. मालविका ने बताया कि जब वह 13 साल की थीं तब बीकानेर में हुए एक बॉम्ब ब्लास्ट में उन्होंने अपने हाथ खो दिए थे. हालांकि, इसके बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी. वह आज दिव्यांगों के हक के लिए लड़ रही हैं और लोगों को उनके हक के प्रति जागरूक करने का भी काम कर रही हैं. मालविका एक मोटिवेशनल स्पीकर और एक्टिविस्ट हैं. 

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3. आरिफा

स्नेहा और मालविका के बाद कश्मीर की आरिफा ने अपनी कहानी शेयर की. आरिफा कश्मीर की पारंपरिक नमदा बुनकर हैं. आपको बता दें, नमदा बुनकर ऊन से कारपेट बुनने का काम करते हैं. आरिफा ने अपनी कहानी शेयर करते हुए कहा, ''जब हमने आर्टिसन का कोर्स किया तो हमें बहुत से क्राफ्ट वर्कर के घर ले जाया जाता था. वहां हमने देखा कि क्राफ्ट की हालत बहुत खराब हो गई है और इसलिए मैंने कश्मीर के क्राफ्ट को बचाने का फैसला किया''.

4. कल्पना रमेश

आरिफा के बाद कल्पना रमेश ने अपनी कहानी साझा की. पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए कल्पना ने खुद को वॉटर वॉरियर बताया है. कल्पना ने अपनी कहानी बताते हुए कहा कि वह एक आर्किटेक्ट हैं. उन्होंने अपने वीडियो में कहा, 'हम जब यूएस से हैदराबाद शिफ्ट हुए तो हमें कई बार पानी के टैंक मंगाने पड़ते थे. इसलिए हमने पानी बचाने का फैसला किया. 8 साल पहले जब हमने अपना घर बनाया तो पानी के संचय को ध्यान में रखते हुए इसी तरह से घर का निर्माण कराया कि घर में पानी की एक-एक बूंद को बचाया जा सके.'

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5. विजया पवार

कल्पना के बाद महाराष्ट्र के गांवों की बंजारा समुदाय की विजया पवार ने अपनी कहानी बताई. विजया पवार ने कहा कि जब उन्हें पीएम मोदी का ट्विटर हैंडल संभालने का मौका मिला तो उन्होंने कहा कि गोरमाटी कला को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी ने उन्हें काफी प्रोत्साहित किया. विजया पवार एक एनजीओ चलाती हैं, जिसमें उनके साथ 400 से अधिक महिलाएं गोरमाटी कला का काम करती हैं. इसके साथ ही विजया कई महिलाओं को यह कला सिखाती भी हैं. 

6. कलावती देवी

कानपुर में रहने वाली कलावती देवी स्वच्छता का काम करती हैं. कलावती देवी ने पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल से बताया कि स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छ रहना भी बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि जहां वह रहती थी वहां न तो पीने का पानी था और न ही कपड़े धोने का कोई साधन था. उन्होंने कहा, ''मेरा काम 24 घंटों तक लोगों को समझाना था और इसके लिए मुझे 2 से 3 साल लग गए. फिर जब लोगों को समझ आया तो सबसे पहले मैंने बस्ती में शौचालय बनवाया''. 

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7. वीणा देवी

बिहार के मुंगेर की रहने वाली वीणा देवी 2013 से मशरूम की खेती कर रही हैं. जगह का अभाव होने के कारण उन्होंने अपने ही घर में मशरूम की खेती शुरू की थी. उन्होंने मशरूम के एक किलो बीज मंगाए और अपने बेड के नीचे ही इसकी खेती शुरू कर दी. उनके द्वारा घर में ही मशरूम की खेती किए जाने के बाद उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया था. इसके बाद उन्हें गांव का सरपंच भी बनाया गया.

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