डेयरी प्रोडक्‍ट्स के इस्‍तेमाल से होते हैं पिंपल्‍स, रिसर्च में हुआ खुलासा

स्‍टडी में पता चला है क‍ि रोजना डेयरी प्रोडक्‍ट्स का इस्‍तेमाल करने वालों में पिंपल्‍स (Acne) ज्‍यादा पाए गए.

डेयरी प्रोडक्‍ट्स के इस्‍तेमाल से होते हैं पिंपल्‍स, रिसर्च में हुआ खुलासा

फ्रांस में यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ ननतेस में मुंहासों को लेकर हुई रिसर्च में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं

नई दिल्‍ली:

खान-पान की गलत आदतें, तनाव और गलत स्किनकेयर उन कुछ प्रमुख कारणों में से हैं जिनका सीधा संबंध मुंहासों (Acne) से है. एक शोध में इसका खुलासा किया गया है. मैड्रिड में 28वें यूरोपियन अकादमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरियोलॉजी कांग्रेस में पेश किए गए इस शोध में कुल छह देशों से 6 हजार 700 से ज्‍यादा प्रतिभागियों में मुंहासों के इन हानिकारक कारकों का परीक्षण किया गया.

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फ्रांस में यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ ननतेस से इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता ब्रिगिट डैनो ने कहा, "पहली बार, इस शोध ने हमें उपचार नुस्खे से पहले इससे संबंधिक कारकों की पहचान करने की अनुमति देता है."

परिणामों से यह पता चलता है कि मुंहासे रोजाना डेयरी उत्पादों का सेवन करने वाले व्यक्तियों में अधिक थे यानी कि 48.2 फीसदी लोग ऐसे थे जो डेयरी उत्पादों का सेवन नियमित तौर पर करते हैं, उनमें मुंहासे हैं जबकि न करने वाले 38.8 फीसदी व्यक्तियों में यह नहीं है.

यह अंतर सोडा या सिरप (35.6 फीसदी बनाम 31 फीसदी), पेस्ट्रीज और चॉकलेट (37 फीसदी बनाम 27.8 फीसदी) और मिठाइयां (29.7 प्रतिशत बनाम 19.1 प्रतिशत) के लिए सांख्यिकीय रुप से महत्वपूर्ण था.

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आश्चर्यजनक ढंग से 7 फीसदी बिना मुंहासों वाले व्यक्ति के विपरीत 11 फीसदी मुंहासे से जूझ रहे व्यक्ति प्रोटीन का उपयोग करते हैं और 3.2 बिना मुंहासे वाले व्यक्तियों के विपरीत एनाबोलिक स्ट्रेरॉयड का सेवन करने वाले 11.9 फीसदी व्यक्ति इससे जूझ रहे हैं.

इनके अलावा धूल और पॉल्यूशन भी इसके महत्वपूर्ण कारकों में से है.

इतना ही नहीं, स्किनकेयर के लिए अत्यधिक केमिकल युक्त उत्पादों का उपयोग भी मुंहासों के लिए जिम्मेदार है.

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इस शोध में कहा गया, तंबाकू जिसे पहले मुंहासों के संभावित कारक के रूप में दर्शाया गया है, इस शोध में इसके प्रभाव को नहीं दिखाया गया है.