Personality Development: हम सभी के दिमाग में एक आवाज होती है जो हम से बातें करती है या कहें हमारा मन हमसे बात करता है. हर पल दिमाग में कुछ ना कुछ चलता रहता है जैसे अभी भी अगर आप यह पढ़ रहे हैं तो आपके अंदर की आवाज इन शब्दों को कह रही होगी. हमारी यही अंतरात्मा कभी तो हम में होंसला भर देती है और कभी हमें खुद की ही क्षमता पर शक करने पर मजबूत कर देती है. लेकिन, यह आवाज कोई और नहीं बल्कि हम खुद ही हैं. हम खुद से जो कुछ भी कहते हैं वह हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ता है. पॉजिटिव और नेगेटिव बातें (Negative Thoughts) ना सिर्फ लाइफ को शेप करती हैं बल्कि इनसे करियर, रिलेशनशिप्स, लव लाइफ, पर्सनैलिटी, प्रोफेशनल लाइफ और देखा जाए तो जीवन का हर एक पहलू प्रभावित होता है. ऐसे में लाइफ ट्रांसफॉर्मेशन कोच (Life Transformation Coach) डॉ. नीति कौशिक का कहना है कि ऐसी कुछ बातें हैं जो व्यक्ति को खुद से कभी नहीं कहनी चाहिए, यहां जानिए कौनसी हैं ये बातें और इनका खुद पर क्या पड़ता है असर.
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खुद से यह 5 बातें कहना बंद करें | Stop Saying These 5 Things To Yourself
"मैं यह नहीं कर सकता"ट्रांसफॉर्मेशन कोच का कहना है कि सबसे पहली गलती जो व्यक्ति करता है वो यह है कि वह खुद से कहता है कि मैं यह नहीं कर सकता. इसके बजाय कहना शुरू करें कि मैं केपेबल हूं और हमेशा कोई ना कोई रास्ता खोज सकता हूं.
खुद से यह कहना कि आई एम नॉड गुड इनफ यानी मैं उतना अच्छा नहीं हूं यह कहना छोड़ दीजिए. आपको खुद से कहना है कि मैं मोर देन इनफ हूं और मैं खुशी और सफलता (Success) पाने के काबिल हूं.
यह व्यक्ति की एक बड़ी गलती है कि वह खुद से कहता है कि अब मेरे लिए देरी हो चुकी है या फिर इट इज टू लेट फॉर मी. ट्रासंफॉर्मेशन कोच का कहना है कि आपको खुद से कहना चाहिए मेरी टाइमिंग परफेक्ट है और मेरी जर्नी परफेक्ट टाइम पर ही हो रही है.
खुद से यह कहना कि मेरे लिए कुछ काम नहीं करता या नथिंग एवर वर्क्स फॉर मी एक बड़ी गलती है. इसकी बजाय खुद से कहना चाहिए कि चाहे मैं नहीं देख पा रहा हूं लेकिन सबकुछ मेरे हक में हो रहा है, मेरे लिए काम कर रहा है.
"लोग क्या कहेंगे"यह सोचते रहना कि लोग क्या कहेंगे यह एक बड़ी गलती है और आपकी सफलता के आड़े आती है. खुद से कहना शुरू करें कि मैं अपनी खुशियों (Happiness) के लिए जीता हूं दूसरों के ऑपिनियन के लिए नहीं.
ट्रांसफोर्मेशन कोच कहती हैं कि आपके शब्द ही आपकी रिएलिटी क्रिएट करते हैं. इसीलिए जब भी हमारी कोई नकारात्मक बात या सोच नकारात्मकता की ओर चलेगी तो वही हम जीवन में लेकर आएंगे. इसीलिए खुद से सकारात्मक बातें करना जरूरी है.