Meditation: दिन-प्रतिदिन की जिंदगी को आकार देने में आध्यात्म की बड़ी भूमिका देखने को मिलती है. कई दशकों से इसी कड़ी में काम कर रहे हैं लाइफ कोच और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर. जिंदगी के साथ-साथ बिजनेस में किस तरह से आध्यात्म को अपनाया जा सकता है और किन बातों को ध्यान में रखकर जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश की जा सकती है, यहीं बता रहे हैं श्री श्री रवि शंकर (Sri Sri Ravi Shankar). एक अच्छा लीडर बनने की सलाह देते हुए और आध्यात्म से अवगत कराते हुए गुरुदेव ध्यान का महत्व भी बता रह हैं.
खांसी और जुकाम की छुट्टी कर देता है यह काढ़ा, दादी-नानी भी सबको बनाकर पिलाया करती थीं
आध्यात्म और लीडरशिप के बारे में बताया श्री श्री रवि शंकर ने
लीडर के लिएएक अच्छा लीडर बनने के लिए श्री श्री रवि शंकर का कहना है कि बिजनेस लीडर्स (Business Leaders) को भारत की तरक्की में कई तरह की चुनौतियां आ सकती हैं. उनके लिए जीवन में संतुलन रखना और लोगों का विश्वास हासिल करना बहुत आवश्यक है. वे कहते हैं कि हमारे देश के बिजनेसमैन इस संदर्भ में बेहद काबिल हैं.
आध्यतामिक गुरु का कहना है कि समय सबके लिए बराबर है, एक प्रधानमंत्री के लिए भी 24 घंटों का समय है तो एक चपरासी के लिए भी 24 घंटे ही हैं. इस समय को हम कैसे मैनेज करते हैं यह हम पर निर्भर करता है. समय में जितना हम फोकस्ड और उत्साहित रहेंगे उतना ही भविष्य के लिए अच्छा है. वहीं, उनका कहना है अगर हम बैठे-बैठे बीती बातों को सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खराब होगा. इसलिए समय को मैनेज (Time Manage) करने के लिए क्लैरिटी ऑफ माइंड जरूरी है. तनावमुक्त रहने के लिए तनाव से जूझना बंद करना होगा, आत्मविश्वास और प्रभु विश्वास भी जरूरी है. मिलनसार होना भी जरूरी है.
श्री श्री रवि शंकर के अनुसार, बिजनेस लीडर्स को अपने इंट्यूशन की सुनना जरूरी है. इसलिए ध्यान करना चाहिए. सुबह या शाम को 20 मिनट भी ध्यान किया जाए तो पर्याप्त होता है. ध्यान (Meditate) करने का समय अपने लिए निकाला गया समय है. इस समय में देखें कि जीवन कहां जा रहा है, जीवन में क्या करना है और जीवन में क्या होना चाहिए. इससे शरीर को विश्राम भी मिल जाता है. गुरुदेव का कहना है कि व्यक्ति को ध्यान में, ज्ञान में और सेवा में निवेश में करना चाहिए. डिजिटल डिप्रेशन और एंजाइटी को लेकर भी गुरुदेव का यही कहना है कि आपको अपने आपको समय देना होगा, इसके लिए ध्यान, योगा जैसे प्राणायाम करें. साथ ही, वे सभी को संगीत सुनने की सलाह भी देते हैं. वे यह भी कहते हैं कि ध्यान करने (Meditation) से तनाव से मुक्ति मिलती है, दृष्टिकोण बढ़ता है और ऐसे में लिए गए निर्णय कल्याणकारी होते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.