Shefali Jariwala Death: झुर्रियां दूर रखने के लिए, त्वचा की कसावट बढ़ाने के लिए और जवां नजर आने के लिए एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स करवाए जाते हैं और एंटी-एजिंग दवाइयां (Anti Aging Drugs) भी ली जाती हैं. लेकिन, इन दवाइयों या कहें ड्रग्स के सेवन में जरूरी सावधानियां ना बरती जाएं तो ये स्वास्थ्य के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं. एंटी-एजिंग के लिए कोलाजन से लेकर ग्लूटाथियोन और एनएडी+ बूस्टर्स और फैट सोल्यूबल विटामिन लिए जाते हैं. एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala) की मौत के बाद से एंटी-एजिंग दवाइयों के सेवन को लेकर खासतौर से सवाल खड़े होने लगे हैं. महिलाएं आयदिन पड़ने वाले त्योहारों पर व्रत वगैरह रखती हैं, लेकिन जो लोग एंटी-एजिंग ड्रग्स ले रहे हैं क्या उन्हें व्रत रखना चाहिए या फिर इंटरमिटेंट फास्टिंग और वेट मैनेजमेंट के लिए की गई फास्टिंग (Fasting) का क्या असर पड़ता है, यह जानना जरूरी है. ऐसे में एंटी-एजिंग दवाइयां लेने वाले पुरुषों और महिलाओं को फास्टिंग से जुड़े कुछ जरूरी नियमों का ध्यान रखना चाहिए.
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एंटी-एजिंग ड्रग्स ले रहे हैं तो व्रत में रखें इन बातों का ध्यान
मुंबई की होलिस्टिक डाइटीशियन वृति श्रीवास्तव के अनुसार, "सप्लीमेंट्स को हमेशा उसकी एब्जॉर्पशन की जरूरत और शरीर के टॉलरेंस लेवल को ध्यान में रखकर ही लेना चाहिए. चाहे कोई फूड या सप्लीमेंट कितना ही हेल्दी हो अगर वो आपके शरीर को सूट नहीं कर रहा है तो वो किसी टॉक्सिन से कम नहीं है."
सप्लीमेंट्स लेने के समय को ध्यान में रखने के लिए भी डाइटीशियन कहती हैं. यह पता होना जरूरी है कि सप्लीमेंट (Supplement) को खाना खाने से पहले लेना है, बाद में लेना है या फिर खाली पेट लेना है. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ सप्लीमेंट्स को एब्जॉर्ब होने के लिए खाने की जरूरत होती है और अगर उन्हें खाली पेट लिया जाए तो वो स्टमक लाइनिंग को इरिटेट कर सकते हैं.
डाइटीशियन ने बताया कि एडाप्टोजेंस जैसे अश्वगंधा और रोडियोला वगैरह का ग्लूकोज और ब्लड प्रेशर कम करने में असर देखा जा सकता है. इन सप्लीमेंट्स को खाली पेट लिया जाए तो ब्लड शुगर लेवल्स तेजी से गिर सकते हैं या फिर ब्लड प्रेशर कम होने लगता है.
कुछ सामान्य एंटी-एजिंग सप्लीमेंट्स जैसे ओमेगा-3 फिश ऑयल्स, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन सी गट को इरिटेट करते हैं और जी मितलाने की वजह बन सकते हैं. इनसे एसिड रिफ्लक्स भी हो सकता है. ऐसे में कुछ जरूरी बातें जानकर ही इनका सेवन करना चाहिए.
सेलेब्रिटी डाइटीशियन और वेलनेस कोच सिमरत कथूरिया का कहना है कि अगर आप एंटी-एजिंग ड्रग्स और मल्टीविटामिन्स लेने के दौरान फास्टिंग कर रहे हैं तो माइंडफुलनेस होना जरूरी है.
डाइटिशियन ने बताया कि "फास्टिंग से नेचुरल सेल क्लीनिंग प्रोसेस बढ़ता है जो एंटी-एजिंग में मददगार है. लेकिन, फास्टिंग और पावरफुल सप्लीमेंट्स को मिला रहे हैं तो ध्यान रखना जरूरी है. जो लोग कोलाजन, बायोटीन या ग्लूटाथियोन (glutathione )लेते हैं उन्हें फास्टिंग के दौरान ओरल मल्टीविटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी लेने चाहिए."
फैट सोल्यूबल विटामिन जैसे विटामिन ए, डी, ई और के को कभी भी खाली पेट नहीं लेना चाहिए. इनसे इरिटेशन होने लगती है और इनका एब्जॉर्प्शन भी कम होता है. इनके साथ हल्का खाना खाने की जरूरत होती है.
जो लोग IV थेरैपी ले रहे हैं उनके लिए डाइटीशियन की सलाह है कि उन्हें लंबी फास्टिंग से पूरी तरह परहेज करना चाहिए. इससे ब्लड शुगर घटने-बढ़ने लगता है और मेटाबॉलिक हेल्थ बिगड़ती है.
क्या सप्लीमेंट्स लेने से टूट सकता है व्रत ?एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ कंपाउंड्स अगर जीरो कैलोरी वाले भी होते हैं तो भी आपके फास्ट को तोड़ सकते हैं. मुंबई की क्लीनिकल डाइटीशियन डॉ. रिधिमा खमसेरा का कहना है कि, "अल्फा-लिपॉलिक एसिड ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव डालता है और इंसुलुन रिलीज को ट्रिगर करता है. वहीं, अमीनो एसिड्स से भरपूर सप्लीमेंट्स खासकर जिनमें लियुसिन होता है शरीर में ग्रोथ सिग्नल्स को एक्टीवेट करते हैं और फास्टिंग के फायदों को कम करते हैं."
फिश ऑयल भी फास्टिंग की मेटाबॉलिक स्टेट को प्रभावित करता है. फैट सॉल्यूबल विटामिन को एब्जॉर्पशन के लिए डाइटरी फैट की जरूरत होती है लेकिन एडेड ऑयल्स की कम मात्रा भी फैट डाइजेशन को प्रभावित करती है. ऐसे में डाइटीशियन (Dietician) की सलाह है कि फास्टिंग के दौरान ईटिंग विंडो की शुरुआत में ही इन्हें लेना चाहिए.
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फास्टिंग के दौरान पेप्टाइड्स लेने चाहिए या नहीं ?एक्सपर्ट की मानें तो पेप्टाइड सप्लीमेंट्स, कोलाजन पेप्टाइड और ग्रोथ हार्मोन रिलीजिंग पेप्टाइड्स शरीर में एनाबॉलिक सिग्नल्स एक्टिवेट करते हैं. इन्हें फास्टिंग के दौरान लिया जाए तो सेलुलर रिपेयर नहीं होता जोकि इनका मुख्य काम है. इसीलिए इन्हें ईटिंग विंडो के दौरान ही लेना चाहिए.
इलेक्ट्रोलाइट्स का ध्यान रखना है जरूरीबहुत ज्यादा फास्टिंग से शरीर का इलेक्ट्रोलाइट कम होने लगता है. इससे ब्रेन फोग हो सकता है, मसल क्रैंप्स होते हैं, चक्कर आते हैं और कमजोरी महसूस होती है. ऐसे में नारियल पानी पिएं, फल खाएं, छाछ पिएं, लस्सी पिएं और इंफ्यूस्ड वॉटर दिनभर में पीते रहें.
खुद से ना लें सप्लीमेंट्सअलग-अलग सप्लीमेंट्स खरीदकर उन्हें खुद से लेने की कोशिश ना करें. सप्लीमेंट्स एक्सपर्ट की सलाह से ही लेने चाहिए. बिना परामर्श के सप्लीमेंट्स लेने पर चक्कर आना, जी मितलाना, कमजोरी, थकान और तबीयत खराब होने की संभावना रहती है. वहीं, डायबिटीज (Diabetes) के दौरान खासतौर से सप्लीमेंट्स और फास्टिंग को एकसाथ करने से बचना जरूरी है.