Parenting tips : मां बाप बच्चों की पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहते हैं. इसके लिए वो हर संभव कोशिश करते हैं जिससे उनके लाडले लाडली क्लास में नंबर वन पर रहें. लेकिन ज्यादातर पैरेंट्स अपने बच्चों के ऊपर दबाव बनाने लगते हैं अच्छे नंबर लाने का. बिना ये सोचे समझे की उनका कैलिबर क्या है. हर बच्चा अलग होता है उसके सोचने समझने की शक्ति भिन्न होती है. कुछ की कैचिंग पावर स्ट्रॉन्ग होती है जबकि कुछ को समय लगता है. ऐसे में मां बाप को बच्चों पर प्रेशर डालने के बजाय पहले उनके स्वभाव को समझने की जरूरत होती है. तो चलिए जानते हैं पैरेंट्स को कैसे बच्चों के साथ डील करना चाहिए.
इन आदतों को बना लीजिए अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा, कभी नहीं चढ़ेगी शरीर पर चर्बी
बच्चों का नंबर कैसे बढ़ाएं
- बच्चों से पूछें ग्रेड को लेकर वो क्या समझता है. उसके जितने मार्क्स आए हैं वो उससे संतुष्ट है. अगर आप नंबर को लेकर उसपर गुस्सा निकालेंगे तो बच्चे की लर्निंग पावर प्रभावित हो सकती है.
- आप उस पर ग्रेड्स का प्रेशर बिल्कुल ना डालें. अगर उसके मार्क्स कम आते हैं तो उस पर दबाव बनाने की बजाए उसे अगली बार अच्छा नंबर लाने के लिए मोटिवेट करें. आप उस पर विश्वास जताएं. इससे बच्चे और आपके बीच बॉन्ड अच्छी होगी.
- बच्चों को सिर्फ किताब लेकर बैठने के लिए ना बोलें, बल्कि उसे एक्स्ट्रा कैरीकुलर एक्टिविटीज में भी भाग लेने को कहें. जानने की कोशिश करें कि किसमें उसकी दिलचस्पी है. आप उसे डांसिंग, पेंटिग, स्पोर्टेस, सिंगिंग जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेने को कहें. इससे बच्चे के दिमाग की अच्छी ग्रोथ होती है.
- बच्चों की तुलना दूसरों से ना करें. इससे बच्चा दब्बू बनने लगेगा. वो किसी के सामने आने से कतराएगा. क्योंकि आपके बच्चे की क्षमता दूसरों बच्चों की अपेक्षा अलग होगी. उसे लोगों के सामने शर्मिंदा ना करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.