Parenting Tips: माता-पिता इस तरह परवरिश के जरिए बच्चों को बना सकते हैं समझदार, बस कुछ बातों का रखना होगा ख्याल 

Parenting Tips: बच्चों को छोटी उम्र से ही अच्छी आदतें सिखाई जाएं तो वे बड़े होते-होते अपनी सफलता की कहानी खुद लिखने लगते हैं. 

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Intelligent Children: इस तरह बनेंगे बच्चे समझदार. 

Parenting: बच्चे छोटी उम्र से जो कुछ सीखते हैं वही आदतें उम्रभर उनके साथ रहने लगती हैं. परवरिश बच्चों की समझदारी (Intelligence) और आगे आने वाली सफलता को भी प्रभावित करती है. कई माता-पिता बच्चों को बचपन से ही किताबें पढ़ने की आदत डालते हैं जिससे बच्चों में ज्ञान तो बढ़ता ही, साथ ही वे अच्छे रीडर भी बनते हैं और ऐसे बच्चे अपनी कक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं. जानिए पैरेंट्स होने के नाते वे कौनसे टिप्स हैं जिन्हें आजमाने पर आप बच्चे को समझदार और स्मार्ट (Smart) बनाने की कोशिश कर सकते हैं. 

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बचपन में दें पढ़ाई पर जोर 


बच्चे जब बहुत छोटे हों तो माता-पिता को आगे बढ़कर उनकी रुचि पढ़ाई में जगानी होती है और पढ़ने के लिए कभी-कभी जोर भी देना पड़ता है. पहली या दूसरी कक्षा में बच्चा पढ़ रहा हो तो जाहिर सी बात है उसका स्कूल या ट्यूशन जाने का मन नहीं करेगा. ऐसे में आपको बच्चे को जबरदस्ती पढ़ने भेजना भी होगा और बैठाना भी होगा. हालांकि, बच्चा बड़ा हो जाए तो वह अपनेआप पढ़ाई पर ध्यान दे सकता है और आपको उसपर जोर-जबरदस्ती करने की भी आवश्यक्ता नहीं होगी, लेकिन बचपन में यह अनिवार्य है. 

फोन या लैपटॉप की आदत ना डालना 

बच्चों को फोन या लैपटॉप की आदत लगवाना सबसे बड़ी परवरिश की गलतियों (Parenting Mistakes) में से एक है. आप मनोरंजन के लिए बच्चे को कुछ देर कार्टून देखने दे सकते हैं. लेकिन, उसे रील्स और सोशल मीडिया से दूर रखें. इंटरनेट से पढ़ाई करना बच्चे की जरूरत हो सकता है लेकिन किताबों से पढ़ाई की जा सकती है तो उसे लैपटॉप पर पढ़ने की आदत ना डालें. 

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शॉर्ट कट से दूर रखना 

बच्चों को अगर स्कूल का कोई सवाल हल करना नहीं आ रहा है तो उसे तुरंत गूगल करके जवाब ना बताएं. स्कूल में बच्चों को काम इसीलिए दिया जाता है ताकि वे थोड़ा दिमाग चलाएं और काम करें. वक्त बचाने के लिए इस तरह के शॉर्ट कट अपनाना बच्चों के मानसिक विकास में खलल डालता है. 

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बच्चों की समझारी पर तारीफ ना करते रहना 


सभी को तारीफ सुनना अच्छा लगता है, इसमें कोई दोराय नहीं है. लेकिन, हर समय बच्चे के लुक्स या समझारी पर तारीफ ना की जाए तो ही बेहतर है. अक्सर माता-पिता (Parents) बच्चे को यह कहते सुनाई पड़ते हैं कि, "अरे वाह, बिना पढ़े ही तुम्हारे इतने अच्छे नंबर कैसे आ गए." स्टेनफॉर्ड की एक रिसर्च के अनुसार इस तरह की तारीफें बच्चे की परफोर्मेंस कम होने का कारण बनती हैं. पैरेंट्स को बच्चे को यह नहीं कहना चाहिए कि बिना मेहनत किए उसके अच्छे नंबर आ गए और वह बहुत स्मार्ट है, बल्कि बच्चे को उसकी कोशिश, दृणता और मेहनत के लिए सराहना चाहिए. 

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