Parenting Tips: माता-पिता चाहते हैं कि बच्चे जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहें, कक्षा में सबसे अच्छा प्रदर्शन दिखाएं, दोस्तों के बीच पॉपुलर रहें और कभी उन्हें किसी से कमतर महसूस ना हो. ऐसे में पैरेंट्स बच्चों को अक्सर अनुशासित करने के लिए डांट-डंपट भी देते हैं. लेकिन, इस सख्ती से होता यह है कि बच्चे का कोंफिडेंस (Confidence) कम होने लगता है और वह झेंपने लगता है. ऐसे में बच्चे की परवरिश में यह गलती आप बिल्कुल भी ना करें बल्कि उसे वो काम सिखाएं या इस तरह उससे बर्ताव करें जिससे वह आत्मविश्वासी बने और किसी मुश्किल से कभी घबराए नहीं.
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बच्चे कैसे बनेंगे कोंफिडेंट | How Will Children Become Confident
किसी काम को करने का सिखाएं सही तरीकाअक्सर ही बच्चों में कोंफिडेंस की कमी इसलिए देखी जाती है क्योंकि उन्हें कोई काम सही तरह करने में दिक्कत होती है या फिर वे इस काम को सही तरह से करना नहीं जानते जिसकी वजह से उनकी खिल्ली उड़ाई जाती है. ऐसे में आप बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उसे इन कामों को सही तरह से करना सिखा सकते हैं. इससे अपने यार-दोस्तों के सामने भी बच्चे का कोंफिडेंस बना रहता है.
पैरेंट्स एक आम गलती यह कर देते हैं कि जब बच्चा अपने विचार उनके सामने रखता है तो वे उसकी बातों पर ध्यान नहीं देते. कई बार तो यह भी होता है कि बच्चा अगर थोड़ा भी खुलकर व्यवहार करता है तो पैरेंट्स उसे यह कहकर चुप करवा देते हैं कि इतराओ मत. ऐसे में बच्चे अपने आपको एक्सप्रेस करने से कतराने लगते हैं.
बच्चा किसी चीज में बुरा होगा तो ऐसे भी बहुत से काम होंगे जिसमें वह सबसे अच्छा होगा या फिर जिन कामों को वह अच्छी तरह कर सकता है. इसीलिए बच्चे की सराहना (Appreciation) करना जरूरी है. बच्चे को इससे कोंफिडेंस मिलता है और वह खुद को बेहतर करने की तरफ अग्रसर होता है.
आप बच्चे को घर में ही अपने मन की बात कहने के लिए, सबके सामने कुछ गाकर सुनाने या डांस करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं. बच्चे को जो कुछ अच्छा लगता है वह सभी के सामने करके दिखाने में कंफर्टेबल है या नहीं उससे पूछें. धीरे-धीरे बच्चे अगर घर के सदस्यों के सामने बोलना या अपनी खूबिया दिखाना शुरू करते हैं तो बाहरी लोगों के सामने भी उन्हें कोंफिडेंट महसूस होने लगता है.