Board Exam Pressure: आज के इस कॉम्पिटिशन के दौर में बच्चों पर इतना दबाव (Pressure) है कि वो किसी भी हाल में खुद को बाकी बच्चों से आगे देखना चाहते हैं, इसके लिए वो कुछ भी करने के लिए तैयार होते हैं. ये प्रेशर तब और भी ज्यादा बढ़ जाता है, जब एग्जाम पास आते हैं. एग्जाम (Exam) का प्रेशर बच्चों को कई तरह से परेशान करता है. ऐसे में बच्चे कई बार डिप्रेशन का शिकार होते हैं और कई बार नौबत सुसाइड (Suicide) तक आ जाती है. इससे बचने के लिए पेरेंट्स को अपने बच्चों की आदतों पर ध्यान देना चाहिए और उनके साथ लगातार बात करनी चाहिए.
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बच्चे पर ध्यान देना जरूरी
बतौर पेरेंट्स आप अपने बच्चे के कुछ लक्षण देख सकते हैं, जिनसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वो कितने ज्यादा दबाव में हैं या फिर डिप्रेशन का शिकार तो नहीं हो रहे... अगर आपके बच्चे का किसी भी चीज में मन नहीं लग रहा है तो आप समझ जाइए कि वो परेशान है और किसी चीज को लेकर काफी टेंशन में है. अगर बच्चा बार-बार रूम से बाहर आ रहा है या फिर बेचैन दिख रहा है तो तुरंत उससे बात करें.
इन बातों का खयाल रखें पेरेंट्स
बच्चे के रूटीन पर भी आप ध्यान दे सकते हैं. ये देख सकते हैं कि वो कितने घंटे सो रहा है और अच्छी नींद ले रहा है या फिर नहीं. अगर बच्चा ठीक से नहीं सो पा रहा है तो एग्जाम का प्रेशर उसके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. वहीं अगर बच्चा जरूरत से ज्यादा खाना खा रहा है तो भी आपके लिए टेंशन की बात है. ये भी डिप्रेशन का एक लक्षण हो सकता है. अगर बच्चा अकेला रहना चाहता है और बात-बात पर चीख रहा है तो भी उस पर ध्यान देने की जरूरत है. बतौर पेरेंट्स आप बच्चों से बात करें और उनके साथ हर चीज डिसकस करें, उन्हें ये बताएं कि एग्जाम ही सब कुछ नहीं है.
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बच्चों के लिए टिप्स
अब बच्चों को भी खुद पर एग्जाम टाइम के दौरान ध्यान देना जरूरी होता है. अगर आप भी बोर्ड एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि अपनी बॉडी और दिमाग को रीलैक्स रहने दें, बीच में अच्छा ब्रेक लें और पूरी नींद लें. बीच में वक्त निकालकर अपना फेवरेट गेम खेलें और दोस्तों से मिलने जाएं. हेल्दी खाना खाएं और बेवजह की चिंता करना छोड़ दें. अगर किसी चीज में डाउट है तो अपने टीचर या सीनियर से खुलकर बात करें.