बच्चे को कभी भी इन 3 समय पर नहीं डांटना चाहिए, पैरेंटिंग कोच ने कहा लर्निंग स्किल्स पर पड़ता है असर

Parenting Advice: अक्सर ही माता-पिता बच्चे को कभी भी डांट देते हैं. वे ना समय देखते हैं और ना ही स्थिति. ऐसे में पैरेंटिंग कोच ने बताया कि बच्चे पर किस समय बिल्कुल भी नहीं चिल्लाना चाहिए, तभी बच्चा चीजों को बेहतर तरह से समझ और सीख पाएगा. 

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बच्चे को कभी भी इन 3 समय पर नहीं डांटना चाहिए, पैरेंटिंग कोच ने कहा लर्निंग स्किल्स पर पड़ता है असर
Shouting On Children: जानिए बच्चे पर किस स्थिति में चिल्लाने से करना चाहिए परहेज. 

Parenting Tips: माता-पिता अक्सर काम में व्यस्त रहते हैं, घर-परिवार को संभालते हैं और खुद के साथ-साथ बच्चों की देखरेख और पढ़ाई का भी पूरा ख्याल रखते हैं. लेकिन, बच्चे कई बार समय पर किसी काम को नहीं करते या पढ़ने नहीं बैठते तो पैरेंट्स उनपर चिल्ला देते हैं. बच्चों पर कभी-कभार का चिल्लाना पूरी तरह गलत नहीं है लेकिन बच्चों पर किस समय चिल्लाया जा रहा है इसका ध्यान रखना जरूरी होता है. पैरेंट्स चाहते हैं कि बच्चा उनकी बात माने और अगर वे उसे डिसिप्लिन सिखा रहे हैं तो वह डिसिप्लिन सीख ले. लेकिन, पैरेंटिंग कोच का कहना है कि आपके चिल्लाने से बच्चा किसी काम को बेहतर तरह से नहीं सीखेगा. वहीं, अगर आप उसपर गलत समय या स्थिति में चिल्लाते हैं तो इसका बच्चे की लर्निंग स्किल्स (Learning Skill) पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में चलिए पैरेंटिंग कोच से ही जानते हैं ऐसा कौनसा समय है जब पैरेंट्स को बच्चों को नहीं डांटना चाहिए. 

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बच्चों पर कब नहीं चिल्लाना चाहिए 

सुबह उठने के साथ ही 

पैरेंटिंग कोच डॉ. देबमिता दत्ता का कहना है कि अगर चाहते हैं कि बच्चा चीजों को जल्दी समझे और सीखे तो उसे सुबह के समय कभी नहीं डांटना चाहिए. अगर बच्चे को सुबह के समय उठने के बाद डांटा जाए तो बच्चे का थिंकिंग ब्रेन शट डाउट हो जाता है और उसे स्कूल में कुछ भी सीखने में दिक्कत आने लगती है. अगर बच्चा इस समय किसी तरह के टैंट्रम दिखा रहा है तब भी उसे डांटने (Scolding) से बचना चाहिए क्योंकि डांटने से टैंट्रम्स और बढ़ सकते हैं. ऐसे में इस समय पर मुस्कुराहट के साथ बच्चे को हैंडल करना चाहिए. 

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स्कूल से आने के बाद 

अगर आप बच्चे को स्कूल से आने के साथ ही डांट रहे हैं तो यह भी एक बड़ी गलती (Parenting Mistake) है. बच्चा स्कूल से जब आता है तो उसके दिमाग में स्कूल से सीखा हुआ सबकुछ ताजा होता है. उसे अगर स्कूल से आते ही डांटा जाता है तो बच्चा स्कूल के स्ट्रेस को दूर नहीं कर पाता और इस स्ट्रेस के कारण बच्चा जब पढ़ने बैठता है तो उसे पढ़ने में परेशानी होती है और स्कूल का होमवर्क करते हुए वह कुछ सीख नहीं पाता.

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रात को सोने से पहले 

रात के समय बच्चे को सोने से पहले डांटा जाए तो बच्चे की लॉन्ग टर्म मेमोरी फॉर्म नहीं हो पाती है. इसीलिए इस समय पर बच्चे को डांटने से खासतौर से बचना चाहिए. पैरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सोने से बिल्कुल पहले अगर बच्चे को डांट पड़ती है तो वह भारी मन से सोएगा. इसका उसके मन-मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है. 

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