Herbs in uric acid : थायराइड, डायबिटीज, हार्ट ब्लॉकेज के अलावा यूरिक एसिड जैसी गंभीर बीमारी भी आजकल आम हो चुकी है. इस बीमारी में हाथ-पैर के जोड़ो में दर्द बनी रहती है. जिसके कारण चलने-फिरने में परेशानी होती है. आपको बता दें कि छोटी बीमारी हो या फिर बड़ी, इन सब के पीछे वजह खराब लाइफस्टाइल है. ऐसे में आपको यहां पर एक ऐसे पौधे की पत्तियों का काढ़ा पीने के बारे में बतानी जा रहे हैं, जिसके औषधीय गुण इस बीमारी में रामबाण की तरह काम करेंगे.
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निर्गुंडी का पौधा - यूरिक एसिड की समस्या में निर्गुंडी का पौधा दवा से कम नहीं है. आपको हर दिन सुबह में सिर्फ इसकी 4 पत्तियों को तोड़कर काढ़ा बनाना है और उसे पीना है. इससे यूरिक एसिड की समस्या दूर हो सती है. आप एक हप्ते लगातार इस आयुर्वेदिक औषधि का सेवन कर लेते हैं, तो आपको निश्चित ही लाभ महसूस होने लगेगा. आप इस पत्ती को रोज सुबह चबाते हैं तो भी इसका फायदा मिलेगा. 4 से 5 पत्ती का ही सेवन करें इससे ज्यादा आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक होगा. आप इस पौधे को घर पर लगा सकते हैं. इस पौधे की कटिंग आसानी से लग जाती है.
निर्गुंडी के पोषक तत्व - निर्गुंडी की पत्तियों में जीवाणुरोधी, रेचक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीकॉन्वेलसेंट, हाइपोग्लाइकेमिक और सूजन-रोधी गुण होते हैं. निर्गुंडी की जड़ें 'दशमूलारिष्ट' नामक हर्बल फॉर्मूलेशन के अवयवों में से एक हैं, जिसका उपयोग कोलाइटिस, पेचिश, दस्त, पेट फूलना, बुखार, उल्टी और पेट के दर्द को ठीक करने में किया जाता है. इन पत्तियों में एल्कलॉइड निसिंदिन, फ्लेवोन जैसे फ्लेवोनोइड, ल्यूटोलिन-7-ग्लाइकोसाइड, विटामिन सी और कैरोटीन जैसे घटक भी होते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.