Nas Par Nas Chadna: गहरी नींद में रात को अचानक पैर में तेज ऐंठन होना जैसे नस खिंच जाए, क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है? अगर हां, तो बता दें कि आम भाषा में इसे नस पर नस चढ़ना कहा जाता है. ऐसा होने पर व्यक्ति कुछ पल के लिए हिल भी नहीं पाता है. बस एकदम तेज दर्द के एहसास से गहरी से गहरी नींद भी टूट जाती है. अगर आप भी अक्सर इस तरह की समस्या से परेशान रहते हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है. आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्यों होता है और इस परेशानी से छुटकारा कैसे पाया जाए.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मामले को लेकर दिल्ली एम्स (AIIMS) में एमडी मेडिसिन, डीएम न्यूरोलॉजी डॉ. प्रियंका सेहरावत ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉ. बताती हैं, 'ज्यादातर मामलों में नस पर नस चढ़ना असल में नर्व की वजह से नहीं होता है. इससे अलग ऐसा शरीर की मांसपेशियों में ऐंठन (Muscle Cramp) के कारण होता है. वहीं, इस तरह की कंडीशन के पीछे कई कारण जम्मेदार हो सकते हैं.'
डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
डॉ. प्रियंका बताती हैं, अगर शरीर में पर्याप्त पानी नहीं है, तो मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. खासकर गर्मी, पसीना या दिनभर कम पानी पीना, रात में मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है, जिससे मसल क्रैंप की परेशानी बढ़ जाती है. ऐसे में दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी जरूर पिएं.
डॉ. के मुताबिक, प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव और शरीर में पोषक तत्वों की बढ़ती जरूरतों को चलते रात में नस चढ़ने की समस्या आम हो जाती है.
इन सब से अलग डॉ. बताती हैं, शरीर में मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन जैसे मिनरल्स और विटामिन बी12, विटामिन डी की कमी से भी मांसपेशियों में ऐंठन आ सकती है. ये मिनरल्स और विटामिन्स मसल्स को रिलैक्स करने में मदद करते हैं. ऐसे में जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तो नस पर नस चढ़ने लगती है.
डॉ. के मुताबिक, अगर ये समस्या बार-बार होती है या दर्द असहनीय होता है, तो एक बार डॉक्टर से मिलना जरूरी है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.