एक्सपर्ट ने बताया नाभि में किस दिक्कत के लिए कौनसा तेल लगाना चाहिए, सिर से पैर तक दिखेगा असर

नाभि में तेल लगाने पर एक नहीं बल्कि कई स्वास्थ्य संबंधी और स्किन से जुड़ी दिक्कतों से छुटकारा मिल सकता है. बस यह पता होना जरूरी है कि कब किस तेल को लगाने पर फायदा मिलता है. 

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यहां जानिए नेवल थैरेपी के बारे में. 

Healthy Tips: आयुर्वेद में नाभि को शरीर का केंद्र कहते हैं और माना जाता है कि नाभि को स्वस्थ रखा जाए तो पूरे शरीर की सेहत दुरुस्त रहती है. नाभि में तेल डालने (Oiling Belly Button) का भी अत्यधिक महत्व है. इसकी सलाह आयुर्वेद के साथ-साथ कई एक्सपर्ट्स भी देते हैं. नाभि में तेल डालने को नेवल थैरेपी या नाभि चिकित्सा भी कहा जाता है. इसके बारे में बताते हुए मेडिकल न्यट्रिशनिस्ट और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट जितेंद्र सिंह बलुवत ने एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया है. इस वीडियो में वे बताते हैं कि नाभि (Navel) में किस दिक्कत के लिए कौनसा तेल डालना चाहिए. 

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नाभि में तेल डालने पर इसका असर सिर से लेकर पैरों तक नजर आता है. जिन लोगों के चेहरे पर कील-मुहांसे बहुत निकलते हैं तो वे नाभि में नीम का तेल (Neem Oil) डाल सकते हैं. इससे कील, मुंहासे और सफेद दाग ठीक होने लगते हैं. नीम के एंटी-बैक्टीरियल गुण त्वचा को बेदाम और मुंहासों से मुक्त रखते हैं. 

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जिन लोगों के होंठ बहुत फटते हैं या एड़ियां बहुत फटती हैं तो उन लोगों को नाभि में नारियल का तेल (Coconut Oil) लगाना चाहिए. नारियल के तेल के फैटी एसिड्स ड्राइनेस को दूर करते हैं. 

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वे लड़कियां जिन्हें पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतें रहती हैं उन्हें नाभि में अरंडी का तेल लगाना चाहिए. वहीं, पेट दर्द की शिकायत वाले लोगों को नाभि में सरसों का तेल लगाना चाहिए. 

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शरीर को चमकदार बनाने के लिए और त्वचा निखारने के लिए नाभि में बादाम के तेल (Almond Oil) और गाय के घी को मिलाकर लगाया जा सकता है. 

इन तेलों के फायदे  
  • नीम का तेल एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और इसमें फायदेमंद फैटी एसिड्स भी होते हैं. इसके साथ ही नीम के तेल के इस्तेमाल से त्वचा को एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी मिलते हैं. 
  • नारियल के तेल में मॉइश्चराइजिंग गुण होते हैं जो स्किन पर हाइड्रेशन बनाए रखते हैं. इस तेल के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण एक्ने जैसी दि्कतों को दूर रखते हैं, स्किन की खुजलाहट दूर करते हैं और त्वचा पर चमक लाते हैं. लौरिक एसिड होने के चलते इससे बैक्टीरिया दूर रहते हैं. 
  • सरसों के तेल (Mustard Oil) में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन ए, विटामिन ई, कैल्शियम, प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं. इससे स्किन की फाइन लाइंस भी हटती हैं और झुर्रियां भी कम नजर आती हैं. पेट में दर्द वगैरह को भी यह तेल दूर रखता है. 
  • बादाम का तेल एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स और विटामिन की भी अच्छी मात्रा होती है. इस तेल के इस्तेमाल से त्वचा बेदाग बनती है. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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