बरसात के मौसम में कौन सी दाल खानी चाहिए? इन 3 दालों को खाने से बिगड़ सकता है पाचन, पेट बन जाएगा गैस का चैंबर

Monsoon Diet: कई लोगों को दाल खाने के बाद पेट में गैस की परेशानी से जूझना पड़ता है. ऐसे में आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि बारिश के मौसम में कौन सी दाल खानी चाहिए और किस दाल के सेवन से बचना चाहिए.

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बारिश के मौसम में कौन सी दाल खानी चाहिए?

Best Dal For Monsoon: बरसात का मौसम आते ही पेट से जुड़ी परेशानियां बढ़ने लगती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस मौसम में हमारे शरीर की पाचन शक्ति यानी कमजोर हो जाती है. आयुर्वेद के अनुसार, इस मौसम में वात और कफ का असंतुलन होता है, जिससे पेट में गैस, अपच और भारीपन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. ऐसे में खानपान पर खास ध्यान देना और सही भोजन को चुनना बेहद जरूरी है, खासकर जब बात दालों की आती हो. कई लोगों कि शिकायत होती है कि दाल खाने के बाद उन्हें अक्सर पेट में गैस की परेशानी से जूझना पड़ता है. ऐसे में खासकर मासून में सही दाल का सेवन बेहद जरूरी है. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं बरसात के मौसम में कौन सी दाल खानी चाहिए और किन दालों के सेवन से इस मौसम में परहेज करना चाहिए.

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मामले को लेकर फेमस आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो सेयर किया है. इस वीडियो में न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं, मानसून में कुछ दालों का सेवन पूरी तरह सुरक्षित है. जैसे-

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पीली मूंग दाल 

अपने वीडियो को कैप्शन देते हुए श्वेता शाह लिखती हैं, पीली मूंग दाल सबसे हल्की और आराम से पचने वाली दाल मानी जाती है. यह पाचन तंत्र पर दबाव नहीं डालती है. ऐसे में अगर आपको पेट फूलने, गैस या कब्ज की शिकायत रहती है, तो यह दाल सबसे बेहतर विकल्प है.

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मसूर दाल 

मसूर दाल थोड़ी गर्म तासीर की होती है लेकिन ये गट के लिए हल्की होती है. ऐसे में आप मसूर दाल खा सकते हैं. यह दाल जल्दी पकती है और आसानी से पचती है, जिससे अपच की संभावना कम हो जाती है.

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तुअर दाल 

यह थोड़ी भारी हो सकती है लेकिन अगर इसमें राई, जीरा, हींग और थोड़ा सा घी डालकर पकाया जाए, तो यह पाचन में मदद करती है. ऐसे में आप तुअर दाल खा सकते हैं. 

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इन दालों से करें परहेज

राजमा 

राजमा का स्वाद भले ही अधिकतर लोगों को पसंद होता है लेकिन यह पचाने में भारी होता है. बरसात के मौसम में यह पेट में गैस और भारीपन का कारण बन सकता है. इसलिए राजमा खाने से बचें.

चना दाल  

श्वेता शाह बताती हैं, चना दाल कफ बढ़ाने वाली होती है और इस मौसम में अपच और सूजन की समस्या को बढ़ा सकती है.

उड़द दाल 

इन सब से अलग उड़द दाल सबसे भारी मानी जाती है और बरसात के मौसम में इसे पचाना बेहद कठिन हो सकता है. इससे गैस, बदहजमी और पेट दर्द की शिकायत हो सकती है.

इस बात का भी रखें ध्यान

न्यूट्रिशनिस्ट आगे बताती हैं, 'जब भी दाल बनाएं, उसे उबालते समय जो सफेद झाग ऊपर आए, उसे निकाल दें. यह झाग अपच और गैस का कारण बन सकता है. साथ ही, दाल में हल्दी, हींग, जीरा और अदरक जैसे मसालों का तड़का लगाएं, जिससे उसका पाचन आसान हो जाता है.'

इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर आप दाल खाने के बाद होने वाली गैस की परेशानी से बच सकते हैं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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