Parenting Tips: बच्चों की परवरिश करना जितना आसान लगता है उतना होता नहीं है. पैरेंट्स दिनभर बच्चों के पीछे भागते-भागते शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी थक जाते हैं. कई बार तो ऐसा होता है कि शाम होते-होते लगता है जैसे पूरी बैटरी डाउन हो गई है और शरीर में बिल्कुल भी एनर्जी नहीं बची है. स्टडीज भी यही कहती हैं कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के 45-50 प्रतिशत माता-पिता (Parents) ऐसे हैं जिनका स्ट्रेस लेवल इतना ज्यादा है कि उन्हें अपना दिन सही तरह से गुजारने में भी दिक्कत आने लगती है. यह बर्नआउट (Burnout) है जो यह बताता है कि पैरेंट्स जरूरत से ज्यादा थक गए हैं. ऐसे में पैरेंट्स किस तरह खुद को रिचार्ज कर सकते हैं और अपनी एनर्जी बनाए रख सकते हैं जानिए यहां.
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खुद को किस तरह करें रिचार्ज
अपनी एनर्जी बनाए रखने के लिए पैरेंट्स को खुद का ख्याल रखने की जरूरत होती है. इसके लिए दिनभर सिर्फ बच्चे के कामों में ही ना लगे रहें बल्कि अपने लिए भी समय निकालें. उन कामों को समय दें जिनसे आपको खुशी मिलती है. अपने पसंद के काम करने पर या अपनी हॉबी पर ध्यान देने पर आपको खुशी भी होगी और ऐसा बिल्कुल नहीं लगेगा कि आपकी एनर्जी खराब हो रही है.
खुद को कहें अच्छी बातेंपैरेंट्स जिस तरह से बच्चों से अच्छी बातें कहते हैं उसी तरह उनके लिए जरूरी है कि वे खुद से भी अच्छी बातें कहते रहें. 'यह मेरे लिए मुश्किल नहीं है', 'मैं खुद को संभाल सकती हूं', 'मैं अकेली नहीं हूं' या फिर 'मैं अपना बेस्ट कर रही हूं', इस तरह की बातें खुद से कहते रहें.
पैरेंट्स बच्चा हो जाने के बाद अक्सर ही अपने पैशन (Passion) को भूल जाते हैं. ऐसा करने पर लगता है जैसे पूरी दुनिया ही बस घर और बाहर के कामों तक सिमटकर रह गई है. ऐसे में आपके लिए बहुत जरूरी है कि आप अपने पैशन को मरने ना दें और अपने शौक की चीजें जरूर करें.
अपने खान-पान का रखें ख्यालअक्सर पैरेंट्स की पूरी दुनिया ही अपने बच्चे के इर्द-गिर्द मंडराने लगती है. कई बार तो पैरेंट्स यह तक भूल जाते हैं कि उन्हें अपने भी खान-पान का ख्याल रखना है. खासकर मां यह करती हैं कि बच्चा जो कुछ खाता है उसकी थाली का बचा हुआ ही खा लेती हैं. इससे शरीर को भरपूर पोषक तत्व नहीं मिलते जिससे शरीर की ऊर्जा (Energy) भी हर समय कम रहती है.