Cholesterol: जब चलने में होने लगे दिक्कत तो समझ जाइए कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के हैं संकेत, हो जाइए अलर्ट

Health tips: आजकल कुछ बीमारियां बहुत आम हो चुकी हैं जिसमें से एक है कोलेस्ट्रॉल. इस लेख में जानेंगे जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, तो हमारा शरीर कैसे रिएक्ट करता है.

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पैरों में ऐंठन खराब cholesterol के लक्षण हैं.

Cholesterol signs: बॉडी में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) होते हैं पहला गुड (good cholesterol) दूसरा बैड (bad cholesterol). जब दूसरे वाले कोलेस्ट्रॉल का स्तर शरीर में बढ़ जाता है, तब कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं. हमारी बॉडी संकेत (cholesterol signs) देने लगती है अलग-अलग तरीके से जिसे समझना बहुत जरूरी है. इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे पैरों से जुड़ी कौन सी समस्या बैड (Bad cholesterol) कोलेस्ट्रॉल का इशारा है, ताकि समय रहते आप इसका इलाज कर सकें.

ये हैं खराब कोलेस्ट्रॉल के लक्षण | Sign of high cholesterol

पैरों का ठंडा पड़ना

जब आपके पैर चिलचिलाती गर्मी में भी ठंडे पड़ जाएं तो समझ जाइए आपकी शरीर में कुछ तो गड़बड़ है. इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें.

स्किन देती है संकेत

जब आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉोल का स्तर बढ़ जाता है तो पैर की स्किन और नाखून के रंग बदलने लगते हैं. ऐसा खून की कमी की वजह से होता है.

पैरों में दर्द व ऐंठन

जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर शरीर में बढ़ता है तो तर्जनी, एड़ी या पैरों की उंगलियों में भी ऐंठन होती है. रात के समय में ये दर्द ज्यादा उभर जाता है.

थकावट महसूस होना

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है थकावट, चिड़चिड़ापन महसूस होने लगती है. ऐसे हालात में सामान्य तरीके से चलने में भी दिक्कत होती है. पैरों में हमेशा भारीपन महसूस होता है.

कोलेस्ट्रॉल ठीक करने के लिए क्या करें | How to cure cholesterol

-मॉर्निंग में जितनी भी एरोबिक एक्सरसाइज (aerobic exercise) होती हैं, जैसे रनिंग, जॉगिंग, स्विमिंग, साइकिलिंग करना शुरू कर दें.
-व्हाइट शुगर, व्हाइट नमक का सेवन कम करें.
-कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate) वाली चीजें और वसा जैसे- घी, तेल का सेवन कम कर दें.
-तली भुनी चीजें ज्यादा न खाएं.
-सैचुरेटेड मिठाइयों का सेवन न करें.

अन्य जरूरी बातें

कोलेस्ट्रॉल का स्तर कितना है इसके लिए लिपिड प्रोफाइल ब्लड (lipid profile blood test) टेस्ट किया जाता है. वहीं, एंजियोग्राफी (angiography) भी कराई जाती पता लगाने के लिए कि दिल की नसें कितनी ब्लॉक हैं. कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) के कारण हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा बना रहता है.
 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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