Jaya Kishori Mental Health Tips: हम सब अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर तो सजग रहते ही हैं, लेकिन, क्या कभी आपने अपनी आध्यात्मिक सेहत पर ध्यान दिया है? आध्यात्मिक स्वास्थ्य यानी आत्मा की शांति, सोच की पवित्रता और जीवन के प्रति एक सकारात्मक नजरिया. ये वो सेहत है जो दुरुस्त रहेगी तो मेंटल और फिजिकल हेल्थ भी बनी रहेगी. यह कहना है स्पिरिचुअल गुरु जया किशोरी का. जया किशोरी (Jaya Kishori) का मानना है कि मेंटल और फिजिकल हेल्थ अच्छी रहे इसके लिए जरूरी है कि स्पिरिचुअल हेल्थ (Spiritual Health) भी अच्छी रहे.
स्पिरिचुअल हेल्थ और मेंटल हेल्थ का संबंध
NDTV के कार्यक्रम में जया किशोरी ने कहा कि मेंटल और फिजिकल हेल्थ अच्छी रखने के लिए थोड़ा स्पिरिचुअल होना जरूरी है. जया किशोरी ने कहा कि उनके घर पर ऐसा ही माहौल था जिसकी वजह से वो अपने दूसरे साथियों के मुकाबले अपनी उम्र की मुश्किलों से आसानी से बाहर निकल जाती थीं. तब से उन्हें यह अहसास हो गया था कि उनके घर की आध्यात्मिक सेहत अच्छी है, इसलिए वो मेंटली ज्यादा स्ट्रॉन्ग रहीं.
आज के भागदौड़ भरे जीवन में जहां तनाव, चिंता और अकेलापन तेजी से बढ़ रहा है, वहीं आध्यात्मिक रूप से मजबूत व्यक्ति इन मुश्किल हालातों में भी खुद को संतुलित बनाए रखता है. ऐसे में चलिए जानते हैं जया किशोरी का इसपर क्या कहना है.
जया किशोरी का कहना है कि जब व्यक्ति किसी भी स्थिति को एक व्यापक और शांत दृष्टिकोण से देखने लगता है, तो उसका तनाव अपने आप कम हो जाता है. ध्यान, प्रार्थना या किसी भी आध्यात्मिक क्रिया से दिमाग को सुकून मिलता है. इससे चिंता कम होती है और व्यक्ति खुद को शांत महसूस करता है.
जब इंसान आध्यात्मिक रूप से जुड़ा होता है, तो उसे अपने जीवन का एक बड़ा मकसद दिखाई देने लगता है. वह सिर्फ दौड़ नहीं रहा होता, बल्कि जानता है कि वो किस दिशा में जा रहा है. इससे निर्णय लेने में मदद मिलती है और उलझनों से राहत मिलती है.
आध्यात्मिक सेहत (Spiritual Health) अच्छे मूल्यों को जन्म देती है, जैसे कि क्षमा, सहानुभूति, करुणा और दया. जब हम दूसरों को समझने लगते हैं, तब हमारे रिश्ते अपने आप गहरे होते जाते हैं. विवाद कम होते हैं और आपसी सम्मान बढ़ता है.
आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ता हैजब आप खुद से जुड़ते हैं और अपने भीतर की शक्ति को पहचानते हैं, तो आत्मविश्वास बढ़ता है. आध्यात्मिक रूप से मजबूत व्यक्ति खुद को कम नहीं आंकता, वो अपनी कमियों को भी स्वीकार करता है और सकारात्मक बदलाव (Positive Change) की ओर बढ़ता है.
अकेलापन और डर से मुक्तिकई बार इंसान लोगों के बीच होकर भी खुद को अकेला महसूस करता है. आध्यात्मिक होना आपको येह एहसास कराता है कि आप इस ब्रह्मांड का हिस्सा हैं और आप कभी अकेले नहीं हैं. यह भावना डर को दूर करती है और जीवन में सुकून भर देती है.
बुरे वक्त को संभालने की ताकत मिलती हैजब जिंदगी में कोई संकट आता है, तब आध्यात्मिक रूप से मजबूत व्यक्ति टूटता नहीं है. वो उस परिस्थिति को स्वीकार करके आगे बढ़ने की ताकत पाता है. यही आध्यात्मिकता की असली शक्ति है.
स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने की प्रेरणा मिलती हैअध्यात्म आपको सिखाता है कि शरीर एक मंदिर है और इसकी देखभाल जरूरी है. ऐसे लोग अक्सर हेल्दी फूड खाते हैं, नशे से दूर रहते हैं और सकारात्मक दिनचर्या अपनाते हैं.