Lychee For Children: लीची गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले फल में से एक है. इसका स्वाद बड़ों से लेकर बच्चों तक को खूब पसंद आता है. हालांकि, बात स्वाद से अलग अगर सेहत की करें, तो बता दें कि बच्चों के लिए लीची का सेवन पूरी तरह से सेफ नहीं है. मामले को लेकर पीडियाट्रिशियन पुनीत आनंद ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर बताते हैं, बच्चों को लीची खिलाने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
पीडियाट्रिशियन पुनीत आनंद बताते हैं, लीची में हाइपो ग्लाइसिन ए और मेथिलीन साइक्लोप्रोपाइल ग्लाइसिन (MCPG) जैसे यौगिक होते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं. ये कंपाउंड बच्चों में रक्त शर्करा यानी शुगर लेवल को बहुत कम कर सकते हैं, जिससे बच्चे सुस्त हो सकते हैं, बच्चों को कमजोरी या उल्टी की शिकायत हो सकती है, वे बेहोश हो सकते हैं और गंभीर मामलों में अस्पताल जाने तक की नौबत भी आ सकती है. खासकर जिन बच्चों का वजन कम होता है, उनमें ये परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है.
- खतरे से बचने के लिए डॉक्टर कभी भी बच्चों को सोकर उठने के तुरंत बाद या खाली पेट लीची नहीं देने की सलाह देते हैं.
- एक बार में 3-4 से अधिक लीची न खिलाएं. अधिक मात्रा में सेवन से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
- लीची को अच्छी तरह से धोकर और छीलकर दें, क्योंकि इसमें कीड़े हो सकते हैं.
- अधपकी या कच्ची लीची से बचें, क्योंकि इनमें हाइपोग्लाइसिन ए और MCPG का स्तर अधिक होता है.
- कुपोषित बच्चों को लीची नहीं खिलानी चाहिए, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है और वे अधिक प्रभावित हो सकते हैं.
इन सावधानियों को ध्यान में रखते हुए, बच्चों को लीची का सेवन सीमित और सुरक्षित तरीके से कराया जा सकता है. हालांकि, अगर फिर भी किसी बच्चे में लीची खाने के बाद कमजोरी, उल्टी या बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.