Healthy Tips: खाने-पीने के सही समय के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या कभी पानी पीने के सही समय या कहें तरीके के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो आज जान लीजिए. असल में पानी पीने से जुड़ी ऐसी कई हिदायतें हैं जो आएदिन आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स और डाक्टरों से सुनने को मिल जाती हैं. आयुर्वेद (Ayurveda) के सिद्धांतों के अनुसार, आप जिस तरह पानी पीते हैं वह भी आपके पूरे स्वास्थ्य पर असर डालने वाला साबित होता है. तो चलिए जान लेते हैं कि पानी पीने (Drinking Water) के सही तरीके क्या हैं और कब-कब पानी पीना स्वास्थ्य (Health) के लिए अच्छा हो सकता है.
सही तरह से पानी पीने के टिप्स | Tips To Drink Water In A Right Way
बैठकर पानी पीना खड़े होकर पानी पीने की बजाय बैठकर पानी पीना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. इसकी एक वजह यह है कि खड़े होकर पानी पीने से आप शरीर के फ्लुइड्स का बैलेंस बिगाड़ देते हैं जो जोड़ों में दर्द (Joint Pain) का कारण बन सकता है. बैठकर पानी पीने से नर्वस सिस्टम और मसल्स रिलैक्स्ड होते हैं और पानी पेट के फ्लुइड्स के साथ सरलता से मिल जाता है.
जब व्यक्ति नहा के निकलता है तो उसके ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) में इजाफा होता है. एक गिलास पानी पी लेने पर ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने में मदद मिल सकती है और ब्लड प्रेशर संतुलित हो सकता है, इसलिए नहाने के बाद पानी पीना एक अच्छा चुनाव हो सकता है.
बहुत ज्यादा ठंडे या बर्फीले पानी (Chilled Water) को पीने से पाचन बिगड़ सकता है. साथ ही, ठंडा पानी शरीर के अंगों तक ब्लड सप्लाई को धीमा करता है जिससे कब्ज की दिक्कत हो सकती है. कमरे के तापमान या फिर हल्का गर्म पानी पीना सेहत के लिए अच्छा होता है. इससे पेट फूलने और पेट दर्द की दिक्कत से भी राहत मिलती है.
सुबह उठते ही कुछ खाने से पहले या मलत्याग से पहले पानी पीना सेहत के लिए अच्छा रहता है. इससे शरीर के टॉक्सिन निकलने में मदद मिलती है और आंतों की ठीक तरह से सफाई भी हो जाती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.