जिया हो बिहार का लाला... गांव की टूटी-फूटी रसोई से इन दो लड़कों ने ठेकुआ को बनाया 1 करोड़ का ब्रांड, जानिए आप भी कैसे कर सकते हैं कमाल

Story of Shuddh Swad Thekua: जब फास्ट फूड और पैकेज्ड स्नैक्स का बोलबाला है, बिहार के दो युवाओं ने पारंपरिक भारतीय स्वाद को फिर से जिंदा करने का काम किया है. गांव की टूटी-फूटी रसोई से निकलकर सिर्फ 1 साल में ठेकुआ से करोड़ों का साम्राज्य बना डाला है.

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बिहार के दो लड़कों ने ठेकुआ को बनाया 1 करोड़ का ब्रांड
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Story of Shuddh Swad Thekua: बिहार और झारखंड का महापर्व है छठ. हालांकि, अब पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा देशभर के कई हिस्सों में छठ होने लगा है. छठ पूजा के लिए सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय प्रसाद ठेकुआ है. बिहार के नाबालिग भाईयों ने इस ठेकुआ के प्रसाद को ही अपना बिजनेस बनाया और एक साल में ही ठेकुआ को एक करोड़ का ब्रांड बना दिया. सुनने में शायद आपको अजीब सा लग रहा हो, लेकिन ये सच है बिहार के लाल ने कमाल कर दिया है, तभी तो कहते हैं जिया हो बिहार के लाला... चलिए आपको बताते हैं इन दोनों भाईयों ने ठेकुआ से कैसे करोड़ों रुपये का साम्राज्य बनाया.

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दरअसल, आज के समय में जब फास्ट फूड और पैकेज्ड स्नैक्स का बोलबाला है, बिहार के दो युवाओं ने पारंपरिक भारतीय स्वाद को फिर से जिंदा करने का काम किया है. गांव की टूटी-फूटी रसोई से निकलकर सिर्फ 1 साल में करोड़ों का साम्राज्य बना डाला है. बिहार के दो नाबालिग भाई, जिनके पास न कोई बड़ी पूंजी थी, न बिजनेस का अनुभव, उन्होंने सिर्फ अपने सपनों और मेहनत के दम पर इतिहास रच दिया. जयंत और कैलाश ने अपने घर में ही शुद्ध स्वाद नामक ब्रांड शुरू किया, जो पारंपरिक और स्वच्छ तरीके से बने स्नैक्स को घर-घर पहुंचा रहा है.

एक बुरे अनुभव ने बदली जिंदगी

जयंत ने एक बार एक सड़क के किनारे से ठेकुआ खरीदा था, जिसके बाद वह बीमार पड़ गए. इस अनुभव ने उन्हें पारंपरिक भारतीय स्नैक्स को स्वच्छ और सुरक्षित तरीके से बनाने का विचार दिया. उन्होंने महसूस किया कि पारंपरिक स्नैक्स का भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व है, लेकिन वे अक्सर अस्वच्छ और महंगे होते हैं. जयंत ने अपने दोस्त कैलाश के साथ अपने विचार को साझा किया, जिन्होंने इसे एक सार्थक प्रयास माना. कैलाश ने अपने परिवार की मदद के लिए रेलवे स्टेशन पर पानी की बोतलें बेची थीं. दोनों ने घर पर ही प्रयोग करना शुरू किया और पारंपरिक स्नैक्स के लिए नए व्यंजन बनाने में जुट गए.

कई मुश्किलों का करा सामना

शुद्ध स्वाद की यात्रा आसान नहीं थी. पहले दो महीनों में उन्हें एक भी ऑर्डर नहीं मिला. कई लोगों ने उनके सपने को अवास्तविक बताया, लेकिन जयंत और कैलाश ने हार नहीं मानी. उन्होंने अपने उत्पादों को परिष्कृत करना जारी रखा, इंस्टाग्राम पर अपनी कहानी साझा की और स्थानीय समुदायों तक पहुंचे, जिन्होंने पारंपरिक स्वाद को महत्व दिया.

आज ठेकुआ को बनाया ब्रांड

आखिरकार, उनके ठेकुआ ब्रांड शुद्ध स्वाद की मेहनत रंग लाई. ऑर्डर आने लगे और आज यह ब्रांड पूरे भारत में डिलीवरी कर रहा है. शुद्ध स्वाद ने 3 लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान की है और अब यह एक करोड़ रुपये का ब्रांड बन गया है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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