बच्चों की मोबाइल और टीवी की लत कैसे छुड़ाएं? पैरेंटिग कोच ने बताया इन तरीकों से छूट जाएगी बुरी आदत

How to help kids with screen addiction: पैरेंटिंग कोच रिद्धि देओरा कहती हैं, थोड़े प्रयास और समझदारी से बच्चों की मोबाइल या टीवी की लत को कम किया जा सकता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं बच्चों की इस आदत को कैसे ठीक करें.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
बच्चों की मोबाइल की लत कैसे छुड़ाएं?

Parenting Tips: आज के समय में ज्यादातर माता-पिता की शिकायत होती है कि उनका बच्चा मोबाइल फोन या टीवी देखने का आदी हो चुका है. बिना फोन हाथ में लिए बच्चा खाना तक नहीं खाता है, लाख मना करने के बाद भी हर समय फोन में लगा रहता है या दिन का ज्यादातर समय टीवी स्क्रीन के सामने बिताता है. जाहिर है इस तरह घंटों स्क्रीन के सामने रहना उनकी सेहत, नींद और पढ़ाई पर बेहद खराब असर डाल सकता है. ऐसे में आइए एक्सपर्ट से जानते हैं बच्चों की इस आदत को कैसे ठीक करें.

बच्चों के सामने पापा को कभी नहीं करनी चाहिए ये 5 गलतियां, एक्सपर्ट ने बताया आज ही कर लें सुधार

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

इसे लेकर फेमस पैरेंटिंग कोच रिद्धि देओरा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में वे बताती हैं, थोड़े प्रयास और समझदारी से बच्चों की मोबाइल या टीवी की लत को कम किया जा सकता है. इसके लिए- 

स्क्रीन टाइम की सीमा तय करें (Set Clear Screen Limits)

हर दिन के लिए बच्चों का एक तय स्क्रीन टाइम रखें. जैसे- पढ़ाई के अलावा मनोरंजन के लिए 1 से 2 घंटे. खाने के समय और परिवार के साथ बैठते वक्त मोबाइल बिल्कुल बंद रखें. सोने से कम से कम एक घंटा पहले स्क्रीन बंद कर दें ताकि नींद अच्छी आए.

टेक-फ्री फैमिली टाइम बनाएं (Create Tech-Free Family Rituals)

ऐसे समय तय करें जब पूरा परिवार बिना मोबाइल के साथ बैठे. जैसे- डिनर टेबल पर सब मिलकर खाना खाएं, हफ्ते में एक दिन गेम नाइट या मूवी नाइट रखें, या रोज शाम को थोड़ी देर टहलने जाएं. इससे बच्चे देखेंगे कि बिना मोबाइल के भी अच्छा समय बिताया जा सकता है.

स्क्रीन की जगह दिलचस्प एक्टिविटीज दें (Replace Screens with Engaging Options)

बच्चों को खेलकूद, डांस, संगीत, आर्ट या किसी हॉबी में शामिल करें. किताबें पढ़ने, पजल हल करने या डायरी लिखने जैसी आदतें भी बहुत मदद करती हैं.

Advertisement
खुद उदाहरण बनें (Be a Role Model)

बच्चे वही करते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते देखते हैं. इसलिए फैमिली टाइम में खुद भी मोबाइल दूर रखें, साथ ही बच्चों को दिखाएं कि फोन से ब्रेक लेना भी जरूरी है.

माइंडफुल स्क्रीन यूज सिखाएं (Teach Mindful Screen Use)

बच्चों को सिखाएं कि स्क्रीन सिर्फ मनोरंजन नहीं, सीखने का भी जरिया है. उन्हें वीडियो बनाने, कोडिंग सीखने या क्रिएटिव चीजें करने के लिए प्रोत्साहित करें.

Advertisement
डांट नहीं, प्यार से बात करें (Focus on Connection, Not Control)

जब बच्चे ज्यादा फोन इस्तेमाल करें, तो गुस्सा करने के बजाय प्यार से बात करें. पूछें कि उन्हें ऑनलाइन क्या पसंद है और वे वहां क्या ढूंढते हैं. समझने की कोशिश करें, जज न करें.

छोटी कोशिशों की तारीफ करें (Praise Effort and Small Wins)

जब बच्चा खुद से फोन छोड़कर कोई हॉबी करता है या परिवार के साथ बैठता है, तो उसकी तारीफ करें. ऐसी बातें बच्चों को प्रोत्साहित करती हैं.

Advertisement
क्या न करें? (What Not to Do)

कभी भी बच्चों पर चिल्लाएं नहीं और न ही उनका फोन अचानक छीनें. इससे बच्चे छिपकर फोन चलाने लगते हैं. प्यार और भरोसे से ही बदलाव आता है.

रिद्धि देओरा कहती हैं, बच्चों की स्क्रीन लत छुड़ाना किसी एक दिन का काम नहीं है. लेकिन अगर माता-पिता धैर्य, प्यार और अच्छे उदाहरण से आगे बढ़ें, तो बच्चे धीरे-धीरे खुद संतुलन बनाना सीख जाते हैं.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Bihar Elections: NDA में Seat Sharing को लेकर JDU नेता Rajeev Ranjan ने किया बड़ा ऐलान
Topics mentioned in this article