बच्चा अगर बात ना मानें तो अपनाएं ये टिप्स, फिर देखिए कैसे हर कहना मानता है

हम आपको बताएंगे कैसे ऐसे बच्चों के मां-बाप (child care tips) अपनी बातों को बहुत ही आसान तरीके से मनवा सकते हैं. 

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अगर आप चाहते हैं कि बच्चे के अंदर धैर्य, विनम्रता और सहनशीलता आए तो खुद को पहले बदलिए.

Parenting tips : कुछ बच्चे बहुत ज्यादा जिद्दी (angry child) होते हैं जिसके कारण उनको कोई भी बात मनवाना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे बच्चों के माता-पिता इस बात को लेकर बहुत परेशान रहते हैं कि कैसे वो बच्चे के जिद्दी स्वभाव को सरल (stubborn child) बनाएं. आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कैसे ऐसे बच्चों के मां-बाप (child care tips) अपनी बातों को बहुत ही आसान तरीके (easy child care tips) से मनवा सकते हैं. 

क्या आपका बच्चा भी है गुस्सैल और जिद्दी स्वभाव का, इन आसान तरीकों से उसे बनाएं सरल और सभ्य

जिद्दी बच्चे से कैसे मनवाएं बातें | how to persuade a stubborn child

- बहुत से माता-पिता हर बात में बच्चे को ना कहने लगते हैं जिसके कारण बच्चे जिद्दी होने लगते हैं. आप हर एक चीज में उन्हें टोकने की आदत छोड़ें. कभी-कभी बच्चे को अपने मन की करने देनी चाहिए. और आप जो कुछ भी उसे समझाएं बहुत प्यार से इससे वो आपकी बात को बेहतर तरीके से समझ पाएगा. 

- कुछ माता-पिता बच्चों को डांटते समय गलत शब्दों का इस्तेमाल करने लगते हैं जिसका असर बच्चों पर बुरा पड़ता है. बल्कि पॉजिटिव शब्द बच्चों को आत्मविश्वासी, खुश होने के साथ अच्छा बर्ताव करने में मदद करता है. वहीं, जब भी उनसे बात करें उनसे आई कॉन्टेक्ट बनाकर बात करें ताकि वो आगे चलकर किसी से बात करने में हिचकिचाए नहीं. 

- वहीं, किसी भी बात को समझाते समय आप बच्चे से बहुत तेज आवाज में बात ना करें. हमेशा शांत मन से बच्चे से बात करें. इससे वो चिड़चिड़ा नहीं होगा. बात-बात में बच्चे पर चिल्लाना बंद करिए. जब तक उनसे कोई बड़ी गलती ना हो उनसे तेज आवाज में बात ना करें.

 -अगर आप चाहते हैं कि बच्चे के अंदर धैर्य, विनम्रता और सहनशीलता आए तो खुद को पहले बदलिए. कई बार माता-पिता बच्चों के सामने छोटी-छोटी बातों पर लड़ने झगड़ने लग जाते हैं, जिससे बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. फिर वह भी उसी नक्शेकदम पर चलने लग जाता है.

- बच्चे को विनम्र और धैर्यवान बनाने के लिए आपको बच्चे के अंदर दया भाव पैदा करना होगा. आपको उसे जरूरतमंदों की मदद करना सिखाना होगा. इससे वह अपनी गलती दूसरों पर थोपने से बचेंगे. आपको बच्चे के अंदर गलती स्वीकार करने की आदत को पैदा करना होगा. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


 

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