बच्चा पढ़ाई या नौकरी के लिए गया है दूसरे शहर तो माता-पिता इस दुख या एंजाइटी से किस तरह उभरें, डॉक्टर ने बताया करें ये काम 

Separation Anxiety: बच्चे बड़े होने लगते हैं तो उन्हें स्कूल, कॉलेज या नौकरी के चलते एक शहर से दूसरे शहर जाना पड़ता है. ऐसे में यहां जानिए इस सेपरेशन एंजाइटी और दुख की स्थिति से पैरेंट्स खुद को कैसे निकाल सकते हैं. डॉक्टर की सलाह आपके बेहद काम आएगी. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Parenting Tips: बच्चे के दूसरे शहर जाने पर होती है एंजाइटी तो जानिए इससे कैसे डील कर सकते हैं आप. 

Parenting: माता-पिता के लिए बच्चों से दूरी खासा मुश्किल होती है. खासतौर से मां के जहन में बच्चे से दूर होकर अजीब-अजीब ख्याल आने लगते हैं. बच्चा 1-2 दिन के लिए भी कहीं जाता है तो यही चिंता सताती रहती है कि उसने कुछ खाया होगा या नहीं, कैसे रह रहा होगा, नींद अच्छी आई होगी या नहीं या उसे किसी तरह की परेशानी तो नहीं हो रही होगी वगैरह. ऐसे में जब बच्चा पढ़ने (Study) के लिए या फिर नौकरी के लिए दूसरे शहर जाता है तो यह चिंता कई गुना बढ़ जाती है. हर समय बच्चे की चिंता और सेपरेशन एंजाइटी (Separation) होती है, घबराहट होने लगती है, दुख होता है और इस सिचुएशन से डील करना मुश्किल लगने लगता है. कई बार तो माता-पिता को इतनी चिंता खाने लगती है कि उनका खाना-पीना तक प्रभावित होने लगता है. ऐसे में बच्चे के दूर होने की इस घबराहट को कैसे दूर किया जाए यह बता रहे हैं फॉर्टिस हॉस्पिटल के फॉर्टिस नैशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के चेयरपर्सन और साइकाइट्रिस्ट डॉ. समीर पारीख. आइए जानते हैं इस सेपरेशन एंजाइटी को दूर करने को लेकर डॉक्टर का क्या कहना है. 

टीनेज बच्चे अच्छे से नहीं करते बात तो मां को सुन लेनी चाहिए पैरेंटिंग कोच की यह सलाह,  टीनेजर्स के करीब आ सकेंगी मदर्स 

बच्चों से दूर होने की एंजाइटी को कैसे दूर करें 

डॉ. पारीख कहते हैं, "मुझे लगता है कि लाइफ के कई पड़ाव होते हैं, माइलस्टोंस होते हैं. हम शादी करते हैं, बच्चे होते हैं, वो स्कूल जाते हैं और फिर नौकरी वगैरह करने घर से निकलते हैं. यह सभी जिंदगी के अलग-अलग पड़ाव हैं जिन्हें हमें एडजस्ट करना होता है. अब बच्चे के पढ़ाई या नौकरी के लिए बाहर जाने पर पैरेंट्स को एंप्टीनेस सिंड्रोम हो सकता है. जब बच्चे घर से निकलते हैं तो पैरेंट्स को खालीपन महसूस हो सकता है. लेकिन, यह समझना जरूरी है कि आखिर में आप खुद भी यही चाहते हैं कि बच्चों का अच्छा करियर हो और वो अच्छा जीवन जी सकें. इसके लिए अगर बच्चों को अच्छी अपोर्चुनिटी मिल रही है, मौका मिल रहा है, तो बच्चे का एक्सप्लोर करना जरूरी है."

कनेक्टेड रहना जरूरी है 

बच्चों और माता-पिता के बीच शहरों की दूरी तो आ जाती है लेकिन जरूरी नहीं कि जिंदगी में भी दूरी गहराने लगे. इसपर डॉक्टर कहते हैं, "बच्चों से कनेक्टेड रहना जरूरी है. आज के जमाने में मोबाइल, सोशल मीडिया और वीडियो कॉल्स वगैरह अवेलेबल हैं. तो ऐसे में आप बच्चों से कितना कनेक्टेड (Connected) रहते हैं यह जरूरी है. अगर आप बच्चों से बातचीत करते रहते हैं, उनकी जिंदगी में इन्वॉल्व रहते हैं तो यह जो एंजाइटी और अकेलापन है यह कुछ हद तक कम होगा."

अकेलेपन को करें दूर 

डॉक्टर आगे बताते हैं कि "यह जो अकेलापन है इसे दूर करने के लिए आपको अपने जीवन की क्वालिटी अच्छी रखनी होगी, अपना सपोर्ट सिस्टम साथ रखना होगा. इसके बाद भी अगर आपको लगता है कि आपको ज्यादा परेशानी हो रही है तो किसी से बात करना जरूरी है. आप मेडिकल हेल्प भी ले सकते हैं."

Featured Video Of The Day
Weather Update: Himachal में Monsoon का कहर जारी! लैंडस्लाइड से भारी तबाही, मौसम विभाग की चेतावनी