Diaper Rash In Baby: छोटे बच्चे बार-बार कपड़े गंदे न करें, इसके लिए मां-बाप उन्हें डायपर पहनाकर रखते हैं. हालांकि, कई बार बच्चों को डायपर से रैश हो जाते हैं. इससे बच्चे को स्किन पर जलन या खुजली का एहसास बढ़ जाता है. अब, अगर आपके बच्चे को भी बार-बार डायपर रैश हो रहे हैं और आप इनसे छुटकारा पाने का कोई तरीका ढूंढ रहे हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए बड़े काम का साबित हो सकता है. फेमस पीडियाट्रिशियन संदीप गुप्ता बताते हैं कि कुछ खास बातों को ध्यान में रखकर डायपर रैश की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है. आइए जानते हैं इनके बारे में-
सुबह सोकर उठने पर सूजा-सूजा दिखता है चेहरा? ट्राई करें Malaika Arora की बताई ये आसान ट्रिक
क्या कहते हैं डॉक्टर?
मामले को लेकर डॉ. गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉ. बताते हैं, अगर आप अपने बच्चे को डायपर रैश से बचाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको केवल 5 बातों को ध्यान में रखना है.
अक्सर माता-पिता बच्चे की उम्र या वजन को नजरअंदाज कर गलत साइज का डायपर खरीद लेते हैं. वहीं, डॉक्टर बताते हैं, टाइट या छोटा डायपर बच्चे की त्वचा पर रगड़ पैदा करता है, जिससे रैश होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में अगर आपका बच्चा 5 से 8 किलो का है, तो थोड़ा बड़ा साइज जैसे 8 से 12 किलो वालों का डायपर चुनें, ताकि हवा का प्रवाह बना रहे और रैश से बचाव हो.
बच्चे का डायपर बार-बार गीला हो जाता है. ऐसे में अगर उसे समय पर बदला न जाए, तो उसमें नमी के कारण बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. डॉक्टर सलाह देते हैं कि हर 3 घंटे में बच्चे का डायपर चेक करें और अगर वो गीला है तो तुरंत बदलें. इससे त्वचा को सूखा रखने में मदद मिलेगी.
जब भी आप बच्चे का डायपर बदलें, उसे कुछ देर के लिए बिना डायपर के खुला छोड़ दें ताकि त्वचा को ताजी हवा मिल सके. इससे रैश जल्दी ठीक होते हैं. इस दौरान बच्चे की त्वचा पर नारियल का तेल भी लगाया जा सकता है, जो एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है और त्वचा को ठंडक पहुंचाता है.
डॉ. गुप्ता डायपर चेंज के बाद बच्चे की त्वचा पर रैश क्रीम लगाने की सलाह देते हैं. इसके लिए ऐसी क्रीम का इस्तेमाल करें जिसमें जिंक ऑक्साइड हो. यह त्वचा पर एक प्रोटेक्टिव लेयर बनाता है और जलन व सूजन को कम करता है.
बाजार में मिलने वाले कई डायपर्स में केमिकल्स और फ्रेगरेंस होते हैं, जो बच्चे की नाजुक त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए कोशिश करें कि कैमिकल-फ्री और हाइपोएलर्जेनिक डायपर्स का ही इस्तेमाल करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.