Mental Health: गलती सभी से होती है, कई लोग हमें जरूरत से ज्यादा दुख भी पहुंचाते हैं और कई लोगों से हमारा मन इतना निराश हो चुका होता है कि उन्हें माफ करना हमें दुनिया की सबसे कठिन चीज लगने लगती है. लेकिन, माफ करना (Forgiving) सिर्फ रिश्तों या दोस्ती के लिए ही नहीं बल्कि हमारे अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है. मैरिज काउंसलर और साइकोलॉजिस्ट एवरेट वर्थिंगटन (Everett Worthington) को माफ करने का विज्ञान समझने में दशक लग गए. वर्थिंगटन और उनके सहकर्मियों ने हाल ही में एक स्टडी पूरी की जिसमें उन्होंने पाया कि माफ करना (Forgiveness) सीखा जाए, प्रेक्टिस की जाए और इस गुण को पा लिया जाए तो माफ करना आपकी मानसिक सेहत के साथ-साथ पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.
वर्जिनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एम्रिटस वर्थिंगटन का कहना है कि, माफ करना रिश्तों के पूरे डायनेमिक को बदल सकता है और समाज में जो कुछ होता है उसे बदल सकता है. वे आगे कहते हैं, "हम रोजाना कई तरह के अन्याय अनुभव करते हैं. लोगों को माफ करने की जरूरत नहीं होती बल्कि यह एक चुनाव है जिसे लोग चुनते हैं."
वर्थिंग्टन ने ऐसी वर्कबुक्स बनाई हैं जिनमें कई एक्सरसाइज हैं जहां लोग अपने गुस्से और रोष की भावनाओं को टटोलते हैं और बात को जाने देना आनी लेटिंग गो (Letting Go) सीखते हैं.
वर्थिंग्टन की रैंडम स्टडी होंग कोंग, इंडोनेशिया, यूक्रेन, कोलंबिया और साउथ अफ्रीका के 4,598 लोगों के बीच की गई जिसमें आधे लोगों को 2 हफ्तों में वर्कबुक्स भरने के लिए कहा गया और बाकी आधे लोगों को बाद में.
2 हफ्त बाद स्टडी में सामने आया कि वर्कबुक से लोगों में दूसरे कंट्रोल ग्रूप के यूजर्स की तुलना में माफ करने का गुण बढ़ा है जिससे डिप्रेशन और एंजाइटी (Anxiety) की भावनाओं में कमी आई है. इसी तरह की स्टडी यूनाइटेड स्टेट्स में भी की गई.
जिन लोगों को यह लगता है कि उनके लिए किसी को माफ करना असंभव है उन्हें वर्थिंगटन समझ सकते हैं. उन्हें खुद भी माफ करना मुश्किल लगा था जब उनकी मां का 1996 में कत्ल हुआ था. लेकिन, वर्थिंग्टन के अनुसार उन्होंने अपनी मां के कातिल को माफ कर दिया था. उनका कहना है कि न्याय चाहना और किसी को माफ करना दो अलग चीजे हैं.
इस स्टडी के लिए पैसे जुटाने में टेंपल्टन वर्ल्ड चैरिटी फाउंडेशन ने मदद की. इस फाउंडेशन के प्रेसिडेंट का कहना है, "माफ करना असल में उन लोगों की मदद करता है जो माफ कर रहे हैं. इससे आपको अंदरूनी रूप से मदद मिलती है. इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप न्याय की मांग नहीं कर सकते या किसी को न्याय प्रणाली से नहीं गुजरना पड़ेगा या कोई परिणाम नहीं होगा.
कैसे सीखें माफ करनाआपको किसी को माफ करने के लिए अपना मन बनाना जरूरी है. इमोशनल फर्गिवनेस (Emotional Forgiveness) में अधिक समय लगता है इसीलिए खुद चाहकर ही किसी को माफ किया जा सकता है.
- किसी को माफ करने के लिए पहला कदम होगा कि आपको जो दुख (Hurt) हुआ है आप उसे याद करें. अपनी भावनाओं को दरकिनार करने की कोशिश ना करें.
- जिसने आपके साथ जो कुछ गलत किया है उस व्यक्ति के बारे में सोचकर देखें कि हो सकता है उसका दिन बुरा जा रहा हो या हो कोई मजबूरी रही हो.
- माफ करने की कोशिश करें यह सोचकर कि हो सकता है कि आपकी भी कोई गलती रही हो या आपने अंहकार में कुछ कह दिया हो जिससे सामने वाले व्यक्ति को गुस्सा आया हो.
- माफ करने का निर्णय करें. आप पत्र लिखकर भी माफ कर सकते हैं.
- माफी पर कायम रहें. अपनी यादों को खुदपर इतना हावी ना होने दें कि आपको अपनी माफी वापस लेने का मन करने लगे.
माफ कर देने के बाद जरूरी नहीं लंबे समय तक इसका अच्छा प्रभाव पड़ता रहे. इसलिए आपको एक बार माफ नहीं करना है बल्कि माफ करते रहना होगा जिससे आपकी अपनी मेंटल हेल्थ बेहतर रह सके.
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