Emotional detox: लंबे समय से आप किसी बात से दुखी हैं, तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, यह अवसाद के लक्षण हैं. इससे न केवल आपकी मानसिक सेहत बल्कि, शारीरिक, परिवारिक और सामाजिक जीवन भी प्रभावित होता है. असल में लंबे समय से दुखी होने की पीछे की वजह ऐसी बात होती है जो आपको बहुत ज्यादा हर्ट कर गई हो और आप दिमाग से निकाल नहीं पा रहे हैं. दिन रात उसी बात के बारे में सोच रहे हों, जबकि आपको उस बात को दिमाग से निकालने की जरूरत होती है. सच्चाई को स्वीकारने की जरूरत होती है. जिंदगी आगे बढ़ने का नाम है न की पुरानी बातों को पकड़कर रखने का. इस लेख में हम आपको 'इमोशनल डिटॉक्स' (emotional detox) के बारे में बताएंगे,यह थेरेपी आपको अवसाद (stress and depression) तनाव से निकलने में मदद करेगी.
इमोशनल डिटॉक्स का अर्थ है नकारात्मक विचारों को निकालना और सकारात्मक सोच को जगह देना अपने दिमाग में. ऐसा करने से जीवन के प्रति आपकी उदासीनता खत्म होती है और खुशियों की बहार आती है.
खुद को इमोशनल डिटॉक्स करना इसलिए जरूरी है क्योंकि आपसे कई लोग जुड़े होते हैं. ऐसे में आपका हर वक्त दुखी रहना उनके लिए भी ठीक नहीं है. आपकी नकारात्मकता से पूरे घर का माहौल बिगड़ जाएगा. हालांकि किसी तनाव या अवसाद से निकलना इतना आसान नहीं होता है, लेकिन मुश्किल भी नहीं है.
इमोशनल डिटॉक्स के तरीके | how to get over with stress
भावनाएं लिखें
जब भी आप किसी बात से दुखी हैं और किसी से कह नहीं पा रही हैं तो उसे एक डायरी में लिख लीजिए. इससे आपको सुकून मिलेगा और आपका मन हल्का होगा. जब आप दुखी हों तो अकेले न बैठें, लोगों के बीच रहें. अकेले बैठने से आपके दिमाग में एक ही बात बार-बार रिपीट होगी.
खुद को बिजी रखें
जब आप ऐसी स्थिति से गुजर रही हों तो खुद को खाली न रखें बल्कि किसी न किसी काम में व्यस्त रखें. जिससे आपके दिमाग में नेगेटिव विचार न आएं. आप खुद को बिजी रखने के लिए अपनी रुचि का काम करें, जैसे-पेंटिंग, डांसिंग, स्विमिंग आदि.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.