Parenting Tips: मौसम बदलने पर बच्चे को सर्दी-खांसी होना एक आम बात है. हालांकि, इस दौरान पैरेंट्स की चिंता बढ़ जाती है. कई बार बच्चे को जल्दी ठीक करने के लिए लोग अलग-अलग नुस्खों का सहारा लेते हैं, तो कुछ बच्चों को कई चीजों से परहेज भी कराते हैं. इन्हीं चीजों में से एक है दूध. कई लोगों का मानना होता है कि खांसी होने पर बच्चे को दूध नहीं देना चाहिए. इससे बच्चे का कफ बढ़ जाता है. आपने भी दादी-नानी को ऐसा कहते हुए सुना होगा कि दूध कफ को बढ़ाता है, लेकिन क्या वाकई ऐसा है? आइए जानते हैं इसपर एक्सपर्ट की राय-
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इसे लेकर मशहूर पीडियाट्रिशियन निमिशा अरोड़ा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में बच्चों की डॉक्टर बताती हैं, खांसी या जुकाम में दूध पीने से कफ नहीं बढ़ता है. यह सिर्फ एक पुराना मिथ है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. उन्होंने बताया कि हमारे शरीर में म्यूकस यानी कफ पहले से ही मौजूद होता है. यह कफ हमारे शरीर की सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा है, जो जर्म्स और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है.
डॉक्टर बताती हैं, जब बच्चे को वायरल इंफेक्शन होता है, जैसे सर्दी या खांसी, तो शरीर का इम्यून सिस्टम एक्टिव हो जाता है. इस दौरान म्यूकस थोड़ा बढ़ जाता है ताकि वह वायरस और बैक्टीरिया को पकड़कर शरीर से बाहर निकाल सके. यानी कफ बढ़ना बीमारी का हिस्सा है. पेट या खानपान का इस म्यूकस को बढ़ाने में कोई सीधा रोल नहीं होता है. ऐसे में आप खांसी में भी अपने बच्चे को दूध पीला सकते हैं. इससे उल्टा बच्चे को फायदा ही होता है.
दूध पीने से क्या होता है?डॉक्टर बताती हैं, दूध से बच्चे को जरूरी पोषण मिलता है, जैसे प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन्स. इसके अलावा दूध पीने से बच्चा हाइड्रेट भी रहता है, जो बीमारी के समय बहुत जरूरी होता है. जब बच्चा कमजोर होता है या ठीक से खाना नहीं खा पाता, तब दूध उसकी एनर्जी बनाए रखने में मदद करता है. ऐसे में खांसी या जुकाम में दूध बंद करने की जरूरत नहीं है. बिना डर के बच्चे को दूध दिया जा सकता है.
हालांकि, अगर किसी बच्चे को दूध पीने के बाद उल्टी, ज्यादा बलगम या बेचैनी महसूस होती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. हर बच्चा अलग होता है और कुछ बच्चों को दूध से एलर्जी या लैक्टोज इनटॉलरेंस भी हो सकती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.