Study Tips: बच्चों को स्कूल से वापस आकर या होमवर्क करने के लिए कई-कई देर तक पढ़ने की जरूरत होती है. लेकिन, अक्सर ही बच्चे पढ़ते समय झपकियां लेने लगते हैं. 10 मिनट मुश्किल से किताब लेकर बैठते हैं और पलकें झपकने लगती हैं, भारी हो जाती हैं और मुश्किल से अगर आंखें खुली भी रहती हैं तो दिमाग में कुछ जाता नहीं है. ऐसे में बच्चे की पढ़ाई और प्रोडक्टिविटी भी प्रभावित होती है. अगर आप भी बच्चे के पढ़ाई के समय नींद आने की दिक्कत से परेशान हैं तो यहां जानिए किन गलतियों को ना करके और किन जरूरी बातों को ध्यान में रखकर नींद (Sleepiness) को भगाया जा सकता है. जानिए पढ़ते वक्त आने वाली नींद को भगाने के तरीके.
पढ़ते समय बच्चे को नींद आए तो क्या करें | What To Do If Child Feels Sleepy While Studying
पूरी नींद और नैपदिन में बच्चा पढ़ते समय ना सो जाए यह सुनिश्चित करने के लिए उसे रात के समय पूरी नींद लेने दें और दिन में एक से डेढ़ घंटे का नैप यानी नींद लेने दें. इससे होगा यह कि बच्चा पड़ते समय नींद के झटके महसूस नहीं करेगा औ उसका ध्यान सिर्फ पढ़ाई में लगेगा. प्रोपर रेस्ट (Proper Rest) लेने पर पढ़ते हुए आलस भी नहीं आता है.
बच्चे की एनर्जी अगर हमेशा ही लो रहती है तो इसकी वजह शरीर में होने वाली पानी की कमी हो सकती है. डिहाइड्रेशन की वजह से बच्चे को पढ़ते समय नींद आ सकती है. उसे पर्याप्त पानी तो पिलाएं ही, साथ ही हाइड्रेशन के लिए फलों और सब्जियों के जूस, नारियल पानी या नींबू पानी पिलाएं.
बच्चे को कहें कि एकसाथ बहुत देर तक ना बैठा रहे, इससे नींद आती ही है. उसे कहें कि बीच-बीच में उठता रहे. इससे शरीर एक्टिव भी रहता है और पढ़ाई करते समय नींद भी नहीं आती है. एकसाथ बच्चे को बहुत ज्यादा देर तक पढ़ने के लिए ना कहें.
कई बार मन में पढ़ते-पढ़ते बच्चे को झपकी आना शुरू हो जाती है. ऐसे में बच्चे को कहें कि वह थोड़ा जोर-जोर से पढ़े और मन में सिर्फ पढ़ते रहने के बजाय लिखे भी. इससे फोकस्ड रहने में मदद मिलती है और बच्चे को नींद नहीं आती.
अगर बहुत ज्यादा कंफर्टेबल होकर पढ़ा जाए या लेटकर पढ़ा जाए तो नींद आना जायज है. इससे बेहतर है कि बच्चा टेबल और कुर्सी पर बैठे. इससे नींद के झटके नहीं आते, सोने का मन नहीं करता और एक्टिव होकर पढ़ते रहने में मदद मिलती है.