Diabetes Symptoms: डायबिटीज के मरीजों को जबतक यह पता चलता है कि उन्हें डायबिटीज है तबतक सेहत कई हद तक बिगड़ चुकी होती है और डायबिटीज को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है. कनेडियन डॉक्टर शिबोन डेशोअल का अपना यूट्यूब चैनल है जिसपर उन्होंने एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर ने बताया है कि डायबिटीज को शुरुआती दिनों में पहचानना बेहद जरूरी होता है. डायबिटीज होने पर शरीर में अलग-अलग तरह के लक्षण (Symptoms Of Diabetes) नजर आने लगते हैं और इन लक्षणों को पहचानकर डायबिटीज का पता लगाया जा सकता है. यहां जानिए ऐसे 10 संकेत जो डायबिटीज होने पर शरीर पर नजर आने लगते हैं और महसूस होते हैं.
डायबिटीज होने के 10 शुरुआती लक्षण | 10 Early Signs Of Diabetes
डायबिटीज एक ऐसी कंडीशन है जिसमें शरीर को शुगर लेवल्स कंट्रोल करने में दिक्कत होने लगती है. शरीर में इंसुलिन नाम का हार्मोन होता है जो शुगर को ब्लड से सेल्स तक लेकर जाता है जिससे उसे एनर्जी की तरह इस्तेमाल किया जा सके. लेकिन, डायबिटीज होने पर या तो पैनक्रियाज इंसुलिन बनाना रोक देता है जिसे टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) कहते हैं या फिर सेल्स इंसुलिन के प्रति रेजिस्टेंट होने लगती हैं और रिस्पॉन्ड करना बंद कर देती हैं जिसे टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) कहते हैं. दोनों ही कंडीशंस में शुगर ब्लड में जमने लगती है और इससे धमनियों और अंगों में डैमेज शुरू हो जाता है जिसे ठीक नहीं किया जा सकता है. टाइप-2 डायबिटीज ज्यादा कॉमन है और यहां इसी के शुरुआती लक्षणों का जिक्र किया जा रहा है.
डायबिटीज होने पर व्यक्ति को बार-बार पेशाब ( Frequent Urine) आने लगता है और वह हर थोड़ी देर में वॉशरूम भागने लगता है. इस कंडीशन को पॉलीयूरिया भी कहते हैं.
एकैनथोसिस निग्रीकैन्स ऐसी स्किन कंडीशन है जिसमें त्वचा पर डार्क और वेलवेट जैसे निशान पड़ने लगते हैं. ये निशान ज्यादातर गर्दन, अंडरआर्म्स में और प्राइवेट पार्ट्स के आस-पास नजर आते हैं. यह इंसुलिन रेजिस्टेंस का साइन (Insuline Resistance Sign) है.
त्वचा के ऊपर छोटी-छोटी गांठें पड़ना डायबिटीज का लक्षण होता है. ये गांठें ज्यादातर गर्दन, अंडरआर्म्स और प्राइवेट पार्ट्स पर नजर आती हैं.
डायबिटीज होने पर बैक्टीरियल इंफेक्शंस का खतरा बढ़ जाता है. डायबिटीज के कारण बैक्टीरिया बढ़ता है जिससे इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है और यीस्ट इंफेक्शन और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शंस हो सकते हैं.
हाथ पर देखें लक्षणशरीर में हाई ब्लड शुगर होने पर डायबेटिक स्टिफ हैंड सिंड्रोम हो सकता है. आप देख सकेंगे कि हाथ जोड़ने पर आपके दोनों हाथ आपस में नहीं चिपक रहे हैं.
उंगलियों पर पड़ता है असरकई बार लोगों को उंगली ठीक तरह से मोड़ने और सीधी करने में दिक्कत होने लगती है. इसे ट्रिगर फिंगर कहते हैं.
हाथ-पैरों का सुन्न पड़नानर्व्स के डैमेज होने के कारण हाथ और पैरों का सुन्न होना महसूस होने लगता है. नसों के सुन्न पड़ने से व्यक्ति को सही तरह से चलने में दिक्कत होने लगती है. इससे तनाव बढ़ता है और चोट लगने की संभावना भी कई हद तक बढ़ जाती है.
चार्कोट फूटडायबिटीज से पैर जरूरत से ज्यादा प्रभावित होते हैं. इससे पैर की नर्व्स खराब (Nerve Damage) हो सकती हैं, पैर का शेप बदलने लगता है और उंगलियां मुड़ना शुरू हो जाती हैं.
डायबेटिक फूट इंफेक्शनपैर के सुन्न पड़ने पर व्यक्ति आसानी से चोट का शिकार हो जाता है. हाई ब्लड शुगर के कारण यह चोट जल्दी नहीं भरती. खराब बल्ड फ्लो से बैक्टीरिया बढ़ता है जिससे पैर में इंफेक्शन होने लगता है. समय पर ध्यान ना दिया जाए तो पैर काटने तक की नौबत आ जाती है.
गैस्ट्रोपरेसिसडायबिटीज के पैशेंट्स को गैस्ट्रोपेरेसिस हो सकता है. इससे पाचन धीमा होने लगता है जिससे आयदिन अपच, पेट फूलने, जी मितलाने और उल्टी की दिक्कत होने लगती है.
लाइफस्टाइल में करें यह बदलाव- अगर इनमें से किसी भी तरह के लक्षण नजर आते हैं तो ब्लड शुगर टेस्ट करवाएं.
- हाई फाइबर से भरपूर फूड्स को खाने में शामिल करें.
- कॉम्पलेक्स कार्ब्स को डाइट का हिस्सा बनाएं.
- मीठा खाना कम कर दें.
- प्रोसेस्ड फूड्स से दूरी बना लें.
- कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वाली एक्सरसाइज करें.
- शुरू से ही हेल्दी वेट मैनेज करना जरूरी है. मोटापा डायबिटीज के रिस्क फैक्टर्स में शामिल है. इसीलिए वेट कंट्रोल पर ध्यान दें.
- अगर आप स्मोक करते हैं तो छोड़ दें. यह सेहत को और ज्यादा बिगाड़ सकता है.