Tooth Cavity Home Remedies: दांतों की सड़न को ही दांतों में कीड़ा लगना कहते हैं. जब दांतों में सड़न होती है तो दांत खराब होने लगते हैं और सड़न वाला हिस्सा काला नजर आने लगता है. इसीलिए इसे दांत में कीड़ा लगना कहते हैं. इससे दांत कमजोर पड़ने लगते हैं और दांतों के टूटकर गिरने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में समय रहते इस सड़न (Cavity) को दूर करने की कोशिश की जाती है. यहां ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्खों का जिक्र किया जा रहा है जो दांतों की सड़न को दूर करने में असरदार होते हैं. इन नुस्खों को आजमाना आसान होने के साथ-साथ असरदार भी होता है.
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दांतों की सड़न के घरेलू उपाय | Tooth Cavity Home Remedies
लौंग का पाउडरएंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर लौंग का पाउडर (Clove Powder) दांतों की सड़न को कम करने में फायदेमंद साबित होता है. इसके इस्तेमाल के लिए लौंग के पाउडर को पीसकर पानी, नारियल तेल या लौंग के तेल के साथ ही पेस्ट बना लें. इसे सड़न वाले दांत पर लगाकर कुछ देर रखें और फिर धोकर साफ कर लें. आप चाहे तो सिर्फ नारियल के तेल को ही सड़न वाले दांत पर लगा सकते हैं. इस तेल को रूई में डालकर दांत पर लगाया जा सकता है. इसे दांतों के बीच में दबाकर रखें और कुछ देर बाद मुंह से निकालकर कुल्ला कर लें. इस बात का ध्यान रखें कि आप लौंग के तेल को निगलें नहीं.
सरसों के तेल और हल्दी को मिलाकर पेस्ट तैयार करें. इस पेस्ट को दांतों की सड़न कम करने के लिए लगाया जा सकता है. हल्दी (Turmeric) में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो दांतों की सड़न कम करने में असरदार होते हैं. हल्दी के पेस्ट को दांतों पर आधा घंटा लगाकर रखने के बाद धोकर हटाया जा सकता है.
नीम को सदियों से औषधी की तरह इस्तेमाल किया जाता है. नीम की डंडी ही नहीं बल्कि नीम की पत्तियां भी दांतों के लिए फायदेमंद होती हैं. नीम को पीसकर इसके पेस्ट को दांतों पर रखा जा सकता है. नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी से रोजाना मुंह कुल्ला कर सकते हैं. इसके अलावा, नीम की दातुन का इस्तेमाल किया जा सकता है.
बैक्टीरिया से लड़ने और दांत के कीड़े यानी सड़न को कम करने के लिए लहसुन का इस्तेमाल किया जा सकता है. कच्चे लहसुन को कूटकर दांतों पर लगाएं. इसे कुछ देर लगाकर रखने के बाद मुंह से निकाल लें. दांतों के सड़न की दिक्कत कम होती है.
सड़न वाले दांत को ठीक करने के लिए अमरूद के पत्ते (Guava Leaves) इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं. अमरूद के पत्ते एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों और एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होते हैं और मुंह के बैक्टीरिया से लड़कर मसूड़ों की सेहत को अच्छा रखते हैं. इससे ना केवल दांतों की सड़न कम होती है बल्कि दांतों के दर्द से भी छुटकारा मिलता है. अमरूद के पत्ते पीसकर दांतों के बीच रखे जा सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.