Ayurvedic Remedy For Tooth Sensitivity: दांतों में आजकल झनझनाहट की समस्या मामूली सी बात हो गई है. इसका कारण ज्यादा गर्म और ठंडी चीजों का खाना हो सकता है. जब हम ज्यादा गर्म खाना खाते हैं, तो इसका असर सीधे दांतों पर पड़ता है. इसी तरह बहुत ठंडा पानी पीना भी दांतों के लिए हानिकारक होता है. इसके साथ ही ज्यादा मीठा खाने से भी दांतों में सेंसिटिविटी बढ़ सकती है. इस परेशानी से राहत (tooth sensitivity treatment) पाने के लिए कुछ आसान और असरदार आयुर्वेदिक तरीके अपनाए जा सकते है (sensitive teeth ayurvedic home remedy). तो चलिए जानते है कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में.
1. हल्दी
हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण दांतों की कई समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं. हल्दी और सरसों के तेल का पेस्ट बनाकर रख लें. इससे दिन में दो बार दांतों पर लगाने से झनझनाहट से राहत मिल सकती है.
2. लौंग का तेल
दांतों में परेसानी होने पर लौंग का इस्तेमाल पुराने समय से किया जाता है. लौंग का तेल एक नेचुरल एनेस्थेटिक की तरह काम करता है. यह दर्द कम करने में मदद करता है. रूई पर लौंग के तेल की कुछ बूंदें लगाकर खराब दांत पर रखने से कुछ ही देर में झनझनाहट कम हो सकती है. कुछ दिनों तक नियमित रूप से इसे करने पर यह समस्या काफी हद तक खत्म हो सकती है.
3. ऑयल पुलिंग
नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करने से न केवल झनझनाहट में कमी आती है, बल्कि दांतों का पीलापन, प्लाक और कैविटी भी कम हो सकती है.
4. नमक पानी से कुल्ला
गुनगुने पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करने से झनझनाहट कम हो सकती है. इसके साख ही प्लाक और कैविटी से भी बचा जा सकता है.
5. ग्रीन टी कुल्ला
ग्रीन टी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण दांतों की संवेदनशीलता को कम करने में मदद करते हैं. इसके लिए ग्रीन टी बनाकर रख लें और इसे ठंडा होने पर उससे कुल्ला करें.
6. लहसुन
लहसुन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं. इसके इस्तेमाल से दांतों का दर्द और झनझनाहट में कम होते हैं. झनझनाहट की समस्या में लहसुन की 2–3 कलियां चबाना राहत दे सकता है.