Ayurvedic tips : लोग तनाव दूर करने, ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने और एकाग्रता में सुधार करने के लिए हज़ारों सालों से अश्वगंधा का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. इसका वानस्पतिक नाम विथानिया सोम्नीफेरा है, और इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जिसमें “भारतीय जिनसेंग” और “विंटर चेरी” शामिल हैं. अश्वगंधा आयुर्वेद में सबसे महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों में से एक है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. इसका सेवन कई तरीकों से किया जाता है जिसमें से एक है शहद. अगर आप इस औषधि चूर्ण को शहद में मिलाकर खाते हैं, तो फिर इसके अनगिनत लाभ मिलेंगे.
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शहद और चूर्ण साथ में खाने के फायदे
अश्वगंधा और शहद का सेवन आप साथ में करते हैं, तो फिर यह ट्यूमर के इलाज में लाभकारी हो सकता है. दरअसल, अश्वगंधा में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन कम करने में मददगार है.
कमजोर इम्यूनिटी को मजबूत करने में अश्वगंधा का चूर्ण बहुत कारगर साबित होता है. इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं.
खराब कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में भी अश्वगंधा का सेवन बहुत लाभकारी हो सकता है. खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर से हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम होता है. इससे ट्राईग्लिराइड्स के लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है.
इसको साथ में खाने से नींद की भी परेशानी दूर होती है. यह मानसिक तनाव को कम करके नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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