PCOS Diet: पॉलीसिस्टिक ऑवरी सिंड्रोम यानी PCOS एक हार्मोनल डिसोअर्डर है जो महिलाओं में युवावस्था में होता है. पीसीओएस होने का एकदम सटीक कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन इसकी वजह जेनेटिक्स और खराब जीवनशैली हो सकते हैं. पीसीओएस के कारण वजन में इजाफा हो सकता है. इसके अलावा, मां बनने में दिक्कतें आना, एक्ने, चेहरे पर बाल निकलना, मूड स्विंग्स और अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods) होना इस सिंड्रोम के लक्षणों में शामिल है. ऐसे में पीसीओएस में खानपान का जरूरत से ज्यादा ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. इसी बारे में बता रही हैं डॉ. ईशा नेगी. आयुर्वेद डॉक्टर और डाइट एंड न्यूट्रिशन कंस्टल्टेंट डॉ. ईशा नेगी उन फूड्स के बारे में बता रही हैं जिन्हें पीसीओएस से परेशान महिलाओं को नहीं खाना चाहिए, साथ ही उन चीजों के बारे में भी जिन्हें पीसीओएस की डाइट में शामिल किया जा सकता है.
पीसीओस में क्या खाएं और क्या नहीं | What To Eat And Avoid In PCOS
- डॉ. ईशा के अनुसार पीसीओएस से परेशान महिलाओं को बिस्कुट, ताजा फलों क जूस, चाय, वाइट ब्रेड और पैक्ड आलू के चिप्स खाने से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा पीसीओएस में चीनी (Sugar), रिफाइंड, प्रोसेस्ड और सॉल्टी फूड्स और साथ ही आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के सेवन से परहेज करना चाहिए.
- पूर्ण अनाज के सेवन से परहेज करना जरूरी है, इसके अलावा फल और सब्जियां खाना फायदेमंद होता है. सॉल्ट इंटेक पर ध्यान देना खासतौर से जरूरी होती है, खासकर पीरियड्स के दौरान नमक वाली चीजें कम खानी चाहिए, अपने खानपान में स्प्राउट्स, सूखे मेवे, फैटी फिश और छाछ शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए.
- आयुर्वेदिक डाइट और नुस्खों में आंवला और करेला फायदेमंद साबित होता है. इन्हें खाने पर ब्लड शुगर लेवल्स कंट्रोल में रहने में मदद मिलती है.
- मेथी के पत्तों (Fenugreek Leaves) और तुलसी के पत्तों का सेवन इंसुलिन लेवल्स को मेंटेन करने में अच्छा असर दिखाता है.
- दालचीनी का सेवन मेंस्ट्रुअल साइकिल और इंसुलिन रेसिस्टेंस पर प्रभाव डालता है. इसका असर पीसीओएस से परेशान महिलाओं में ओव्यूलेशन पर भी दिखता है.
- अश्वगंधा का सेवन भी पीसीओएस में फायदेमंद हो सकता है. इससे कोर्टिसोल लेवल्स बेहतर होते हैं, स्ट्रेस कम होता है और पीसीओएस के लक्षण कम होते हैं.
- अशोका के एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड्स एंडोमेट्रिअम को रिपेयर करते हैं और एस्ट्रोजन को रेग्यूलेट करने में असरदार हैं.
- पीसीओएस में हल्दी भी बेहद फायदेमंद साबित होती है. हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इंसुलिन रेसिस्टेंस पर असर दिखाते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.