90% लोग गलत तरीके से खाते हैं दाल, Dr. Hansaji Yogendra ने बताया छोले, राजमा खाने का सही तरीका क्या है

Dr. Hansaji Yogendra के मुताबिक, 90% लोग गलत तरीके से दाल खाते हैं. इससे उन्हें फायदे नहीं मिल पाते हैं, उल्टा दाल खाने पर गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग की परेशानी बढ़ जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं दाल खाने का सही तरीका क्या है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Dr. Hansaji Yogendra से जानें क्या है दाल खाने का सही तरीका.

Right Way To Eat Daal: दाल हम भारतीय लोगों के खाने की थाली का अहम हिस्सा है. या कहें कि भारतीय घरों में दिन में एक समय तो दाल बना ही ली जाती है. इसका न केवल स्वाद लोगों को पसंद आता है, बल्कि दाल आपकी सेहत को भी कई तरह से फायदा पहुंचाती है. खासकर दाल में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है, ऐसे में बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोग दिन में एक समय दाल खाना जरूर पसंद करते हैं. हालांकि, इस दौरान ज्यादातर लोग कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे दाल से मिलने वाले ये फायदे नुकसान में बदल जाते हैं. अगर आपको भी दाल खाना पसंद है, तो यहां हम आपको ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बता रहे हैं.

क्या है दाल खाने का सही तरीका?

मामले को लेकर डॉ. हंसाजी के नाम से मशहूर योग गुरु हंसा योगेंद्र (Dr. Hansaji Yogendra) ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉ. हंसाजी बताती हैं, 'हमारे देश में 90% लोग गलत तरीके से दाल बनाते और खाते हैं. यही वजह है कि उन्हें अक्सर दाल खाने के बाद गैस, एसिडिटी या ब्लोटिंग की परेशानी घेर लेती है.'

Sadhguru Diet Plan: सदगुरु ने दिया 30% डाइट चैलेंज, इस तरह खाना खाने से 20 साल तक कम हो जाएगी उम्र, बीमारियों से कोसों दूर रहेगा शरीर

दाल बनाते समय न करें ये गलतियां-  (4 Mistakes to avoid while making dal at home​)

पानी में भिगोना

डॉ. हंसाजी के मुताबिक, दाल बनाते समय लोग सबसे पहली गलती करते हैं इसे पानी में न भिगोना. ज्यादातर लोग दाल को धोते हैं और इसे कुकर में सीधे बनने के लिए रख देते हैं. जबकि ये तरीका पूरी तरह गलत है. दाल में फाइटिक एसिड  (Phytic Acid) जैसे एंटी न्यूट्रिएंट होते हैं. अगर आप दाल बिना भिगोए खाएंगे, तो फाइटिक एसिड गैस, ब्लोटिंग की परेशानी को बढ़ा देगा, साथ ही इससे आपकी बॉडी को दाल में मौजूद पोषक तत्व भी नहीं मिल पाएंगे.

डॉ. हंसाजी छोले और राजमा बनाने से पहले इन्हें 8-10 घंटे भिगोकर रखने की सलाह देती हैं. इसके अलावा तूर और मसूर दाल को बनाने से पहले 1-4 घंटे भिगोकर रखें. इसके बाद पानी को फेंक दें और नए पानी के साथ दाल बनाएं.

सही से न पकाना 

दाल बनाते समय दूसरी गलती है, इसे ठीक तरीके से नहीं पकाना. अगर दाल बनाते समय ये हल्की कच्ची रहती है, तो इसे पचाना मुश्किल हो जाता है. वहीं, ज्यादा पकने पर दाल में मौजूद विटामिन और मिनरल्स की मात्रा कम हो जाती है. ऐसे में दाल बनाते समय इसे एकदम सही तरीके से पकाएं.

Advertisement
एक बार में बहुत सारी दाल खाना

डॉ. हंसाजी बताती हैं, दाल सेहत के लिए अच्छी होती है, ये सोचकर कई लोग एक बार में बहुत सारी दाल खा लेते हैं. ऐसा करना भी नुकसानदायक हो सकता है. दाल में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है. ये दोनों सेहत के लिए फायदेमंद हैं लेकिन इनका एक साथ ज्यादा मात्रा में सेवन करने से बचें. यानी दाल खाते हुए पोर्शन कंट्रोल का खास ध्यान रखें.

दाल को सही तरीके से स्टोर न करना

डॉ. हंसाजी के मुताबिक, दाल के साथ एक और गलती ये होती है कि ज्यादातर लोग इसे ठीक तरह से स्टोर नहीं करते हैं. ऐसे में दाल में कीड़े, घुन्न लगने या सीलन की परेशानी बढ़ जाती है, साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व कम हो जाते हैं. ऐसे में दाल को ठीक तरह से स्टोर करना भी जरूरी है. इसके लिए दाल को किसी ठंडी जगह पर एयर टाइट कंटेनर में बंद कर रखें. 

Advertisement

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Advertisement

Featured Video Of The Day
NEW GST Rate Update: Ground Zero से देखिए क्या Food Items मिल रहा सस्ता? दुकानदारों ने क्या कहा?