Parenting Tips: बच्चों का मन नाजुक होता है. माता-पिता अगर बच्चे से प्यार से बात करते हैं तो बच्चे भी हमेशा चहकते और खिलखिलाते नजर आते हैं, वहीं अगर बच्चों को हमेशा डांट-डंपटकर रखा जाए या फिर नकारात्मक बातें (Negative Things) उनसे कही जाएं तो बच्चे के मन-मस्तिष्क पर असर पड़ता है. चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. सोरोजित गुप्ता का कहना है कि माता-पिता की कही गई नेगेटिव बातें और उनका नेगेटिव व्यवहार (Negative Behavior) बच्चे के मेंटल और इमोशनल हेल्थ को खराब कर सकता है. ऐसे में चलिए डॉक्टर से ही जानते हैं कि पैरेंटिंग की वो कौनसी गलतियां हैं जिन्हें पैरेंट्स को समय रहते सुधार लेना चाहिए.
6 गलितयां जो पैरेंट्स को नहीं करनी चाहिए | 6 Parenting Mistakes To Avoid
हर बात पर गलती निकालना
चाइल्ड स्पेशलिस्ट का कहना है कि बात-बात पर अगर बच्चे की गलतियां निकाली जाएं तो इससे बच्चे का सेल्फ कोंफिंडेंस कम होता है. बच्चे को एप्रिशिएट करना और उसकी तारीफ करना जरूरी होता है.
बच्चे को अगर जरूरत से ज्यादा कंट्रोल किया जाए तो इससे उनका बच्चों को नई चीजें खुद से एक्सीपीरियंस करने दें और उनकी क्षमता पर विश्वास दिखाएं.
पैरेंट्स की अक्सर ही आदत (Parenting Habit) होती है कि वे अपने बच्चे की दूसरे बच्चों से तुलना करते हैं. कभी-कभी यही कह देते हैं कि देखो तुम्हारा भाई तुमसे कितना ज्यादा स्मार्ट है. चाइल्ड स्पेशलिस्ट का कहना है कि यह सब कहना बंद कर दें. हर बच्चा यूनिक होता है और उनकी इंडिविजुएलिटी यानी अलग व्यक्तित्व का सम्मान किया जाना जरूरी है.
पैरेंट्स का बहुत ज्यादा स्ट्रिक्ट हो जाना सही नहीं है. डिसिप्लिन जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बच्चों को पनिश किया जाए. बच्चों को प्यार से समझाएं, रूल्स वगैरह बताएं. इस तरह बच्चों को समझाया जाए तो उनपर मानसिक तनाव नहीं बढ़ता.
चाइल्ड स्पेशलिस्ट का कहना है कि हर चीज में बच्चे पर प्रेशर नहीं डालना चाहिए. चाहे बेस्ट मार्क्स के लिए हो या फिर स्पॉर्ट्स में अच्छा करके दिखाने के लिए. बच्चे की अचीवमेंट पर फोकस करें और उसपर दबाव ना बनाएं.
अपनी गलतियां ना माननाअक्सर ही पैरेंट्स अगर कोई गलती करते हैं तो अपनी गलती नहीं मानते. चाइल्ड स्पेशलिस्ट का कहना है कि पैरेंट्स भी तो गलती कर सकते हैं. अगर गुस्से में कभी बच्चे को कुछ बोल दिया तो उसके लिए बच्चे को सॉरी जरूर कहें. बच्चे माता-पिता से ही सीखते हैं. पैरेंट्स को अपनी गलती मानते देखेंगे तो बच्चे भी अपनी गलतियां मानेंगे और सॉरी कहने लगेंगे.